रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : नगरीय प्रशासन मंत्री ने शिकायतकर्ता के निवेदन पर अनुविभागीय अधिकारी श्री प्रणव सिंह और भूमाफियाओं - दोषियों के विरुद्ध तत्काल जांच कराने एवं कार्रवाई करने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र*
*श्री विजेन्द्र यादव-श्रीमती कलिया यादव ने अनुविभागीय अधिकारी और भूमाफियाओं -दोषियों पर कार्यवाही करने किया है निवेदन*
*ग्राम-तेलीबांधा, प.ह.नं. 14 में जमीन कब्जा का है प्रकरण*
*रायपुर, 7 फरवरी 2020/* नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने ग्राम तेलीबांधा प.ह.नं. 14 में भू-माफियाओं द्वारा जमीन कब्जाकरने के मामला को लेकर रायपुर अनुभाग के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री प्रणव सिंह द्वारा भूमाफियाओं एवं दोषियों के पक्ष में आदेश पारित किया है, उक्त प्रकरण की तत्काल जांच कराने तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही कराने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया । इसके लिये प्रार्थीगण श्री विजेन्द्र यादव, श्रीमती कलिया यादव सहित अन्य प्रार्थियों द्वारा आवेदन लिखकर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डहरिया को उक्त बेजा-कब्जा जमीन में हक दिलाने तथा अनुविभगीय अधिकारी श्री प्रणव सिंह, भूमाफियाओं और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने अपील की गई है ।
उल्लेखनीय है कि रायपुर तहसील के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री प्रणव सिंह द्वारा अपील क्रमांक 175 एवं 184/ब-121 वर्ष 2018-19, 3 जनवरी 2020 को पारित आदेश के विरुद्ध श्री विजेन्द्र यादव सहित शिकायतकर्ताओं ने दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए आरोप लगाया गया है कि श्री प्रणव सिंह, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने तहसीलदार रायपुर द्वारा 12 सितम्बर 2019 के माध्यम से शासन के पक्ष में पारित भू-अर्जित आदेश को निरस्त कर न केवल शासन को नुकसान पहुंचाया है बल्कि भू-माफियाओं के साथ सांठ-गांठ करते हुए पंजीकृत एवं शासकीय दस्तावेज में कूटरचना की पुष्टि होने के उपरांत भी भूमाफियाओं के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही न करते हुए उनके ही पक्ष में आदेश पारित कर दिये हैं ।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया को लिखे निवेदन पत्र में प्रार्थीगण श्री विजेन्द्र यादव, श्रीमती कलिया यादव सहित अन्य प्रार्थियों द्वारा कहा गया है कि उक्त आरोपियों द्वारा पंजीकृत बंटवारानामा 26 फरवरी 2000 में कूटरचना कर न केवल भूअर्जित रकबे को बंटवारा कर षड़यंत्र, छल, धोखाधड़ी एवं कूटरचना कर पृथक-पृथक खाते में दर्ज करवाये हैं बल्कि आरोपियों द्वारा अस्तित्वहीन रकबा भी नवीन रुप से सृजित किया गया है ।