रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : स्वत्रंतता संग्राम सेनानी और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित स्वर्गीय डॉ. महादेव प्रसाद पांडेय को आज राजधानी रायपुर के मारवाड़ी शमशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम बिदाई दी गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मारवाड़ी शमशान घाट पहुंचकर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज भारत माता ने अपना एक महान सपूत खोया है। डॉ पाण्डेय अजातशत्रु थे। वे राष्ट्रीय आंदोलन से बाल्यकाल से ही जुड़े थे और बाल्यकाल में ही उन्हें जेल की यात्रा करनी पड़ी । उनका निधन पूरे राज्य, देश और मेरे स्वयं के लिए व्यक्तिगत क्षति है। बघेल ने कहा कि महादेव प्रसाद पाण्डेय जी अंतिम क्षणों तक सक्रिय रहे । जब महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया था, तब कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वे व्हील चेयर पर आए थे। उनका शरीर भले साथ नहीं दे रहा था लेकिन मन में उत्साह में कोई कमी नहीं थी।
बघेल ने कहा कि डॉ पाण्डेय मेरे पाटन क्षेत्र के निवासी थे। उनका स्वतन्त्रता संग्राम में उल्लेखनीय योगदान दिया। वे अंतिम समय तक सार्वजानिक जीवन में सक्रिय रहे। राष्ट्रीय पर्वों और महत्वपूर्ण आयोजनों में वे विशेष रूप से उपस्थित रहते थे। बघेल ने वहां स्वर्गीय डॉ. पाण्डेय के शोक संतप्त परिवारजनों के मुलाकात कर संवेदनाएं प्रकट की और उन्हें ढांढस बंधाया।
इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने स्वर्गीय डॉ महादेव प्रसाद पांडे के साथ अपने पारिवारिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि छात्र जीवन से ही वे मेरे परिवार से जुड़े हुए थे। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि रायपुर के आयुर्वेदिक महाविद्यालय में स्वर्गीय डॉ पाण्डेय हमारे प्राचार्य रहे और उनका पुत्रवत स्नेह हमेशा मुझे मिलता रहा था। पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने भी श्रद्धांजलि सभा में अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर राजधानी रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे सहित अनेक जनप्रतिनिधि और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
डॉ महादेव प्रसाद पांडेय को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम बिदाई - मुख्यमंत्री ने दी भावबिन्नी श्रद्धांजलि
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह