- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को सदन में भाजपा पर जोरदार हमला बोला
- सीएम ने कहा कि जब कुछ न मिला तो इर्द-गिर्द के लोगों को बदनाम करने का षड्यंत्र किया गया
छापों का विरोध नहीं यह सामान्य प्रक्रिया : सीएम बोले- सदन में विपक्ष के साथी को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की बात कर रहे थे। छापों का विरोध नहीं है। यह सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन रातों-रात सैकड़ों की तादाद में अफसर आ गए। एसपी और डीजीपी को सूचना नहीं दी गई। छापे के बाद विभाग प्रेस नोट जारी करता है कि किसके पास से क्या-क्या सामान मिला। अखबारों-टीवी पर खबरें दिखाई गई कि 100-150 करोड़ कैश मिला, 25 किलो सोना मिला और सिर्फ 2.56 करोड़ मिले हैं। उसमें भी एक अफसर के यहां तीन लाख, दूसरे के यहां 13 लाख और तीसरे के यहां 26000 ही मिले। पार्षद अफरोज अंजुम के यहां 1800 मिले। इसके विपरीत भाजपा कार्यकर्ता के यहां एक करोड़ मिले हैं।
सभी अफसर भ्रष्ट नहीं, कई ईमानदारी से करते हैं काम
सीएम ने कहा कि वे यह नहीं कहते कि सभी अफसर ईमानदार हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे अफसर हैं, जो ईमानदार हैं। छापे में जिनका नाम पहले पेज पर या प्राइम टाइम पर दिखाया गया, उनकी तो इज्जत उतर गई, क्योंकि एक बार जो प्रकाशित हो गया, वह बाद में वाट्सअप यूनिवर्सिटी के जरिए वायरल होता है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे इससे बाहर आएंगे। वे सही कह रहे हैं, क्योंकि राजनीति में कहते हैं कि जिस सीढ़ी के सहारे ऊपर चढ़ते हैं, उसे गिरा दो।