जान हथेली पर रखकर बसना वासियो ने बसों, ट्रकों, पिकअप, ऑटो और पैदल अपने घरों को लौट रहे मजदूरों को राहत देने की कोशिश - प्रवासी मजदूरों के सहयोग के लिए उठे हाथ


Report manpreet singh 


 RAIPUR chhattisgarh VISHESH : महासमुन्द/बसना.बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल से श्रमिकों की वापसी का क्रम लगातार जारी है सप्ताह भर में हजारों से लाखों श्रमिक अपने घरों तक बसों, ट्रकों, ऑटो, सायकिल व कोई सुविधा नही मिलने पर पैदल पहुंच रहे हैं वही हजारों श्रमिकों का आना अभी बाकी है।


लौट रहे प्रवासी मजदूरों का दर्द देखा नही गया, बसना के समाजसेवियो ने बाटा भोजन, अपनी जान हथेली पर रखकर जो साधन मिल रहा उस पर सवार होकर अपने घरों की ओर लौट रहे मजदूरों का बसना से होकर गुजरने का सिलसिला जारी है, जो कुछ सक्षम थे व जिनके ठेकेदार के माध्यम से बस को बुक करके और जिससे आराम और सहोलियत नसीब हो। सामान लेकर जा रहे ट्रकों पिकअप और यहां तक कि टेंपो और ऑटो में अपने साथियों या परिवार के साथ देश के बड़े शहरों से अपने गांव घर लौट रहे हैं।ऐसे ही पिछले 1 सप्ताह से प्रतिदिन सुबह से लेकर देर रात्रि तक हालातों में मजबूर होकर मजदूर तेलंगाना, मध्य प्रदेश तमिलनाडु, बिहार, मध्यप्रदेश व अन्य प्रदेशों से बसना होकर सरायपाली, रायगढ़, कटक, भुवनेश्वर, कोलकाता, संबलपुर झारखंड व अन्य बड़े राज्यों की ओर जा रहे कई जगहों पर सरकार व ठेकेदारों द्वारा आने की साधन नहीं कर पाई तो वे कार्यस्थल से हजारों किलोमीटर दूर पैदल का सफर कर आ रहे है, 2 दिन पूर्व तेलंगाना, विशाखापत्तनम से पैदल चलते रात्रि 10:00 बजे बसना पहुंचे। जिनके आँखों मे आँसू, पैरों में छालों को देख कर सेवा करने वालो के आँखों मे आँसू आ गए।


इस हालात को देखकर बसना के समाजसेवी द्वारा उनको पूछा गया, कि कहा से हो और कहा जा रहे हो मजदूरों ने बताया महाराष्ट्र से कोलकाता जाने वाले 6 लोग है और विशाखापत्तनम से झारखंड के लिए 9 लोग है आगे मजदूरों ने बताया कि हमारे ठेकेदार व स्थानीय सरकार से कोई मदद नही मिलने की वजह से व पैसों की कमी से पैदल चलना मजबूर है। रास्ते में भोजन, मुर्रा बिस्किट मिलता रहा है।


पैदल निकल पड़े महाराष्ट्र से झारखंड


इसी कड़ी में मानवता धर्म को निभाते हुए बसना नगर के समस्त समुदाय के लोग मिलकर अन्य प्रदेशों से गुजरने वाले राहगीरों को भोजन एवं नाश्ता की व्यवस्था के लिए बसना फ़ॉर लाइन के किनारे स्थान निर्धारित की गई है। जहाँ बसना के विभिन्न समुदायों के लोग आपसी में मिलकर राशन सामग्री एकत्रित कर आने जाने वाले भूखे प्यासे मजदूरों को भोजन व पानी की व्यवस्था की जा रही है। चिलचिलाती धूप में समाजसेवी द्वारा दो से तीन बड़े ड्रम में बर्फ डालकर पानी बोतल व पाउच को ठंडा कर ठंडा पानी पिलाया जा रहा है।



बसना के समाजसेवियों ने दिल खोलकर मजदूरों की मदद की और उन्हें बिस्किट, मुर्रा, फल और अन्य खाने के सामान लेकर उनकी भूख मिटा कर पीने के ठंडा पानी की भरपूर किया प्रवासी मजदूरों के लिए खाने-पीने का इंतजाम करें ने के बारे में बताते हुए समाजसेवियों ने बताया कि पहले यहां सेवा कार्य चंद लोगों द्वारा किया जा रहा था लेकिन वर्तमान में यह सेवा कार्य इतना विराट रूप ले चुका है अभी दिन भर में एक कुंटल से 2 कुंटल चावल खत्म हो जाता है उन्होंने अपना कार्य बताते हुए कहा कि ट्रकों में बसों में ऑटो मोटर साइकिल व पैदल चल रहे मजदूरों को सोशल डिस्टेंस के पालन करते हुए पूछते हुए भोजन ग्रहण किए हैं या नहीं जो इच्छुक व्यक्ति भोजन करना चाहते हैं उनके लिए भोजन दिया जाता है आगे बताते हुए कहा कि आज दोपहर को महिला बच्चे व बुजुर्ग के पैदल चल रहे थे उनके पैरों में छाले तक पद गए थे तत्काल उनके पैरों में छप्पा पहनाया गया और भोजन करवाया गया। जो व्यक्ति अगर मास्क नही पहना है तो उन्हें मास्क तक दिया जा रहा है और शोसल डिस्टेंसिग, हाथों को सैनिडाइज के बारे में भी जागरूक किया जाता है।



इसके साथ ही बताते हुँ कहां 2 दिन पूर्व एक बुजुर्ग व्यक्ति महाराष्ट्र से झारखंड की ओर जा रहे थे ना ना उनके पैरों में चप्पल न खाने के लिए पैसे ना पीने के लिए पानी की सुविधा थी उन्हें फोरलेन सुनील कंसल के घर के सामने ठहराया गया भोजन, पानी के साथ चप्पल व उनके लिए साल कंबल तक का इंतजाम किया किया बुजुर्ग व्यक्ति रात्रि विश्राम कर थोड़ी राहत मिलने के बाद उन्हें झारखंड की ओर जा रहे ट्रकों में बढ़ाकर भेजा गया.कार्य के बारे में समाजसेवी ने कहा सेवा कार्य मे मदद करने वालो के लिए समय निर्धारित किया गया है, यह पहुंचे के बाद न कोई बड़े है ना कोई छोटा सभी समुदाय के लोग मिलकर आलू, प्याज, सब्जी करते है, भोजन पकाते है भोजन को पैक करते है, और महत्वपूर्ण बात सभी सरकार के योजनाओं का पालन करते है। यह कार्य सुबह 5 बजे से प्रारंभ हो कर रात्रि 12 से 1 बजे तक निरंतर चलती है, आखरी में भोजन बनाने वाले सामानों की सफाई कर आसपास के क्षेत्रों को सैनिटाइजर किया जाता है।


लोगो को अपील करते हुए कहा बसना के राहत शिविर में जरूरतमन्दों की दिन रात सेवा की जा रही है नागरिक बन्धुओ से अपील है कि इस रिलीफ केम्प बसना से जुड़ना चाहते हों तो दिए गए मोबाईल नम्बर पर काल करें 7746053039, 7000406627, 9893323348, 8602361000 और भूखे प्यासे लोगो के लिए मदद कर मानवता की ओर अपना हाथ बताए।


Popular posts
अगले 24 घंटों के दौरान छत्तीसगढ़ सहित इन इलाको मे होगी तेज बारिश, ओले गिरने की भी संभावना
Image
स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स से बचने के लिए डाइट में लें विटामिन ई का करे प्रयोग
Image
हास्य केंद्र योग के दसवें स्थापना वर्ष में शामिल हुए विधायक कुलदीप जुनेजा
Image
अयोध्या में अब क्रूज बोट से देख सकेंगे सरयू आरती - ऐसा होगा रामायण क्रूज टूर
Image
पूर्व केंद्रिय विदेश और रक्षा मंत्री जसवंत सिंह का निधन, डॉ रमन ने ट्वीट कर जताया दुख
Image
लॉकडाउन के बाद घर पर पोछा लगाते दिखी एक्ट्रेस हिना खान
Image
लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू जी ने कहा- 6 माह में एक्सप्रेस-वे तैयार होगा….
Image
कोरोना के खिलाफ पूरी दुनिया जूझ रही है - इसमे एलोपैथ से अधिक कारगर आयुर्वेद की दवाएं, रिसर्च में हुआ खुलासा
Image
शॉपिंग मॉल बनाने को लेकर बिल्डर की गोली मारकर हत्या
Image
अब आप घर मे बैठे कर सकते हैं Aadhaar Card अपडेट
Image