डॉक्टरों के वेतन भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, युद्ध के दौरान सैनिकों को नाराज मत कीजिए


Report manpreet singh 


   Raipur chhattisgarh VISHESH : डॉक्टरों के वेतन भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, युद्ध के दौरान सैनिकों को नाराज मत कीजिए   सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में लगे डॉक्टरों के वेतन भुगतान नहीं होने और उनके लिए उचित आवास की समुचित व्यवस्था नहीं होने पर कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि युद्ध के दौरान आप सैनिकों को नाराज मत कीजिए। थोड़ा आगे बढ़कर उनकी शिकायतों के समाधान के लिए कुछ अतिरिक्त धन का बंदोबस्त कीजिए।कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न करने के मुद्दे पर अदालतों को शामिल नहीं होना चाहिए और सरकार को इस मुद्दे का निपटारा करना चाहिए।न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टरों की समस्याओं को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि कई क्षेत्रों में चिकित्सकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है।पीठ ने कहा कि हमने ऐसी खबरें देखीं हैं कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं। दिल्ली में कुछ डॉक्टरों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं दिया गया है। इसका ध्यान रखा जाना चाहिए था और इसमें न्यायालय के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होनी चाहिए।यालय इस संबंध में एक डॉक्टर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था । इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में पहली कतार के योद्धाओं को वेतन नहीं दिया जा रहा या फिर वेतन में कटौती की जा रही है अथवा इसके भुगतान में विलंब किया जा रहा है। इस डॉक्टर ने 14 दिन के क्वारंटीन की अनिवार्यता खत्म करने संबंधी केंद्र के नए दिशानिर्देश पर भी सवाल उठाए थे।पीठ ने कहा कि युद्ध में आप सैनिकों को नाराज नहीं करते। थोड़ा आगे बढ़िए और शिकायतों के समाधान के लिए कुछ अतिरिक्त धन का बंदोबस्त कीजिए। कोरेाना महामारी के खिलाफ चल रहे इस तरह के युद्ध में देश सैनिकों की नाराजगी सहन नहीं कर सकता। केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर कुछ बेहतर सुझाव मिलेंगे तो उन्हें शामिल किया जाएगा। पीठ ने कहा कि आपको और अधिक करना होगा। आप सुनिश्चित कीजिए कि उनकी चिंताओं का समाधान हो। न्यायालय ने इस मामले को अगले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। केंद्र ने चार जून को न्यायालय से कहा था कि संक्रमित लोगों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए निकट भविष्य में उनके लिए बड़ी संख्या में अस्थाई अस्पतालों का निर्माण करना होगा।केंद्र ने यह भी दलील दी कि यद्यपि संक्रमण के रोकथाम और नियंत्रण की गतिविधियां लागू करने की जिम्मेदारी अस्पतालों की है लेकिन कोविड- 19 से खुद को बचाने की अंतिम रूप से जिम्मेदारी स्वास्थ्यकर्मियों की है।केंद्र ने यह भी कहा था कि 7/14 दिन की ड्यूटी के बाद स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 14 दिन का क्वारंटीन अनावश्यक है और यह न्यायोचित नहीं है।


Popular posts
फेफड़ों को स्वस्थ और साफ रखने के लिए इन चीज़ों का रोजाना करें सेवन
Image
Incomes that are exempted under the proposed new tax regime
Image
लुधियाना के जालंधर बाइपास स्थित सब्जी मंडी मे, टमाटर चोरी करते 2 पुलिस वाले कैमरे में कैद, सस्पेंड
Image
Ludo में पति को हराया, गुस्से में पत्नी की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी
Image
हास्य केंद्र योग के दसवें स्थापना वर्ष में शामिल हुए विधायक कुलदीप जुनेजा
Image
ह्रदय परिवर्तन एक सच्ची गाथा -- महेश राजा
Image
स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स से बचने के लिए डाइट में लें विटामिन ई का करे प्रयोग
Image
कोरोना के बढ़ते मामलों को देख ….कोविड अस्पतालों में ICU व ऑपरेशन थिएटर संचालन के निर्देश
Image
मुकेश अंबानी की रिलायंस ने 24 हजार 713 करोड़ रुपये में फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार को खरीदा
Image
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा अभी मास्क ही वैक्सीन है - मास्क न पहनने के अपने बयान पर मांगी माफी
Image