रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : भारत सरकार ने 3 सदस्यों की एक टीम सूरजपुर और बलरामपुर जिले में हूई हाथियों की मौत की जांच करने के लिए भेजा गया है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से डॉ सेल्वन और डॉ प्रजना पंडा वरिष्ठ साइंटिस्ट प्रतापपुर के गणेशपुर पहुंचे। जहां पर 9 और 10 जून को 2 हथनियों की मौत हुई थी। यहां उन्होंने मौके पर पहुंचकर बारीकी से जांच की। इसके अलावा स्थानीय ग्रामीणों से भी बात की। केन्द्र की टीम मंगलवार को बलरामपुर जिले के बाद देर शाम ही सूरजपुर जिले में भी पहुंचकर अपनी जांच पूरी कर ली। जांच के बाद टीम के सदस्यों ने बताया कि हमने पीएम रिपोर्ट देख लिया है। लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। सैंपल IVR में भेजा है वहीं से कन्फर्म रिपोर्ट आएगी। उन्होंने बताया कि अभी कोई बीमारी का पता नहीं चला है। होता तो पूरे दल में फैल जाता इसलिए इसकी संभावना कम ही है फिर भी IVR की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
दिल्ली से आई टीम अब धमतरी जा रही है वहां से भी जांच करने के बाद टीम अपनी जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेंगे। बता दें मंगलवार को नेशनल एलीफेंट प्रोजेक्ट के को-आर्डिनेटर और सांइटिस्ट की टीम ने कोरबा के कुदमुरा रेंज के कठराडेरा पहुंचकर पिछले 10 दिनों से बीमार चल रहे हाथी का हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने इलाज कर रहे विशेषज्ञ डॉक्टरों से चर्चा की तथा हाथी के नर्वस सिस्टम में समस्या होने की आशंका जताते हुए डॉक्टरों को बेहतर से बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए। इस दौरान टीम द्वारा कुछ ग्रामीणों के बयान भी दर्ज किये गए। टीम अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी। सोमवार को डॉक्टरों ने हाथी के बाएं पैर और गले का एक्स-रे कराया था। जिसमें हड्डी सही सलामत पाया गया है। डॉक्टरों के काफी कोशिशों के बावजूद हाथी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा है जिससे वन विभाग और डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह से अधिक समय से हाथी के जमीन पर बैठे रहने की वजह से त्वचा कमजोर हो गई है, जहां-जहां पर हाथी के खुद का भार पड़ रहा है। हाथी के मुंह में छाले हो गए हैं जिसके कारण वो पर्याप्त खाना नहीं खा पा रहा है। वन विभाग घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।