Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश को नंबर वन रहना है। अभी प्रदेश में इस कार्य की गति धीमी है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को एमएसएमई क्षेत्र में इसके तहत 21 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं, वहीं मध्यप्रदेश को अभी तक लगभग 2 हजार करोड़ रुपए ही मिले हैं। संबंधित विभाग बैंकों के साथ नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर कार्य में गति लाएं। मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार को चिरायु अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत पैकेज 1 एवं 2 के तहत एमएसएमई क्षेत्र में प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। वीसी में एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मनोज गोविल व दीपाली रस्तोगी मौजूद थे l अन्य राज्यों की प्रगति की समीक्षा करें मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एमएसएमई क्षेत्र में अन्य राज्यों के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत किए जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाए, जिससे यह स्पष्ट हो सके हमारे राज्य में इसकी गति धीमी क्यों है। उन्होंने कहा कि कई प्रकरणों में अनावश्यक स्टांप ड्यूटी लिए जाने की बात सामने आ रही है। इस संबंध में विभाग यह सुनिश्चित करें कि हितग्राही को अनावश्यक स्टांप ड्यूटी न देनी पड़े। केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखें मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में कोई कठिनाई आ रही है अथवा यदि कोई चीज स्पष्ट नहीं है तो इसके लिए उनकी ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री को तुरंत पत्र लिखा जाए। केंद्र से घोषित पैकेज के तहत अब यह प्रावधान किया गया है कि एमएसएमई को 200 करोड़ रुपए तक के लोन के लिए अब ग्लोबल टेंडर की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने संबंधित विभाग को निर्देश दिए आगे एक सप्ताह के अंदर इस संबंध में औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएं।
45 दिन के अंदर ऋण का भुगतान पैकेज के अंतर्गत एमएसएमई उद्योग को स्वीकृत ऋण का भुगतान बैंकों से 45 दिन के अंदर किए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि कुछ प्रकरण बैंकों में 45 दिन से अधिक समय से लंबित है। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए को 45 दिन के अंदर ऋण की राशि का भुगतान हो जाए। आत्मनिर्भर भारत पैकेज में एमएसएमई को मुद्रा शिशु लोन अनुदान का भी प्रावधान किया गया है। अभी इसमें प्रगति बहुत कम है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वे इस संबंध में परीक्षण करें कि ऐसा क्यों है। बैंकों का पूर्ण सहयोग आवश्यक मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एमएसएमई क्षेत्र को नियत समयावधि में प्रावधानों के अनुसार बैंकों की ओर से ऋण प्राप्त हो जाए यह सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर बैंकों की नियमित मॉनिटरिंग की व्यवस्था हो। बैंकों के पूर्ण सहयोग से ही इस कार्य में वांछित प्रगति आ सकती है। Also Read - पुलिसकर्मी के बेटे ने फांसी लगाकर की ख़ुदकुशी, फेल होने पर लगाई थी फटकार 5 अगस्त को ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में ऋण वितरण शुरू होगा मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना में मध्यप्रदेश के सबसे पहले कार्य किए जाने पर बैंकर्स को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बड़े कस्बों एवं ग्रामों के समूहों में भी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर योजना चालू की गई है, जिसके तहत उन्हें 10 हजार रुपए का ऋण दिया जाएगा। इसकी गारंटी सरकार देगी तथा ब्याज भी सरकार भरेगी। 5 अगस्त को ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के तहत ऋण वितरण प्रारंभ किया जाएगा। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास बैंकर्स के साथ समन्वय कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।