बृजमोहन अग्रवाल ---- तेंदूपत्ता बोनस, लाभांश व छात्रवृत्ति नही देकर उस पैसे का ब्याज खा रही है आदिवासी विरोधी कांग्रेस सरकार


Report manpreet singh 


Raipur chhattisgarh VISHESH : विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार पर आदिवासी , जनजाति विरोधी होने का तीखा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलने वाले सुरक्षा एवं सुविधा मूलक योजनाओं को एक एक कर बंद कर दिया गया है। बीमा की अनेक योजनाएं बंद कर दी गई है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनका हक उनका खुद का पैसा 2 सीजन का बोनस नहीं दिया गया है। प्राथमिक समितियों को लाभांश नहीं दिया गया है। दो सत्रों से छात्रवृत्ति योजना की राशि बच्चों को नहीं मिली है। जो राज्य सरकार की प्रदेश की जनजातियों आदिवासी बंधुओ के प्रति उनकी संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है


 श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में त्रिस्तरीय सहकारी समितियों के माध्यम से ही तेंदूपत्ता सहित अन्य लघु वनोपज का संग्रहण का कार्य होता है। प्रदेश में 13 लाख 50 हजार संग्राहक संख्या है तथा संग्राहक परिवारिक सदस्यों की संख्या 18 लाख 38 हजार है। इसमें सर्वाधिक संख्या वनांचल में रह रहे आदिवासी समाज के लोगों का है। इन सब के लिए कांग्रेस सरकार ने एक भी बीमा योजना चालू नहीं की है बल्कि पूर्व में भाजपा सरकार में चल रही योजनाऐ भी इस सरकार की लापरवाही की बलि चढ़ गई व बंद हो गई है



श्री अग्रवाल ने कहा कि शासन, आदिवासी तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ताओं और संस्थाओं के 1000 करोड़ से भी अधिक की राशि बैंक में जमा कर ब्याज कमा रही है। इसमें 597 करोड़ रूपये आदिवासी तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ताओं को वितरित करने वाली राशि है। लेकिन कांग्रेस सरकार आदिवासी तेंदूपत्ता संग्रहकों को न तो बोनस दे रही है, न उनका बीमा करा रही है और न ही उनके बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति जारी कर रही है। अपने हक के पैसे के लिए आदिवासी समाज दर दर भटक रहा है और पूरी सरकार मूकदर्शक की भूमिका में है। सरकार के निकम्मेपन के चलते इस विषय में राज्यपाल महोदया को गंभीर नाराजगी व्यक्त करनी पड़ी है


श्री अग्रवाल ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए बीमा योजना के तहत प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना उक्त योजना में सामान्य मृत्यु पर 2 लाख तथा दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख रूपये की सहायता राशि के प्रावधान हैं। आम आदमी बीमा योजना उक्त योजना में 30 हजार रुपये से लेकर 75 हजार रूपये तक सहायता के प्रावधान हैं। ये योजनाएं दिनांक 1 जून 2019 से नवीनीकरण नहीं कराये जाने के कारण योजना बंद हो गई है। राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित रायपुर द्वारा इसे केन्द्र सरकार द्वारा बंद करना बताया जा रहा है जो की एकदम गलत है। वर्तमान में उक्त योजना बंद है परंतु राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ पुरानी योजना में शामिल था। जिसका नवीनीकरण नहीं करवाया गया। राज्य सरकार द्वारा अपने हिस्से की राशि नहीं दी गई है परिणामस्वरूप नवीनीकरण नहीं हो सका। कारण चाहे जो भी हो संग्राहकों को बङी सुविधा व सुरक्षा से वंचित कर दिया गया है। इस योजना का नवीनीकरण नहीं कराया जाना बहुत चिंताजनक है।


 श्री अग्रवाल ने कहा कि बीमा योजना की एक भी सुविधा इन संग्राहक परिवारों के लिये नहीं चल रही है। बीमा सुरक्षा योजना है, सहायता योजना शासन की परिस्थितियों पर निर्भर है जबकि बीमा योजना विधि अधिनियम अनुसार संचालित है जिसमें बीमित को संवैधानिक संरक्षण है। अभी जिनके यहां दुर्घटना हुई होगी उन परिवारों का क्या होगा इसका कोई जवाब नहीं है। इतने गंभीर विषय पर और वह भी कोविङ जैसी आपदा के समय सरकार का मौन रहना भी अनेक संदेह उत्पन्न करता है इस लापरवाही के लिए सारे शब्द कम पड़ते हैं। इस कालखंड में ऐसी गैर जिम्मेदारी की कल्पना कांग्रेस सरकार से ही जा सकती है।


 श्री अग्रवाल ने कहा कि समूह बीमा योजना संग्राहक मुखिया के अतिरिक्त परिवार के अन्य सदस्यों के लिए थी। इसमें 12 हजार रूपये सहायता राशि के प्रावधान थे। इस योजना में बीमित लोगों की संख्या सन् 2017 से लगातार 18लाख 38 हजार सदस्य थीं। उक्त योजना को भी बंद कर दिया है, इसका नवीनीकरण 1 मार्च 2020 में कराया जाना था। 


 श्री अग्रवाल ने कहा कि विगत 2 सत्रों की छात्रवृत्ति योजना की राशि भी राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा अभी तक जारी नहीं की गई है। समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज खरीदी हेतु केन्द्र सरकार द्वारा करोडों रूपये दिये गये हैं साथ ही प्राथमिक समितियों की राशि भी रोक कर रखी गई है सिर्फ ब्याज प्राप्त करने के लिए इनका उपयोग कर रहे हैं, खरीदी के साथ ही संग्राहक मूलक योजनाओं में इनका उपयोग करना चाहिए।


 श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि प्रोत्साहन पारिश्रमिक बोनस का वितरण हेतु समितिवार गणना के प्रावधान हैं 2018 एवं 2019 का बोनस संग्राहकों को नहीं बांटा गया है। उक्त बोनस दिसम्बर 2019 में देना प्रस्तावित किया गया था। संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि 597 करोड़ करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना शेष बताया जा रहा है राशि भी उपलब्ध है। उसके बाद भी वनवासियों के साथ अन्याय करते हुए बोनस नहीं दी जा रही है। संस्था के उन समितियों तथा संग्राहकों को कम से कम अभी तो कोविङ जैसी आपदा के समय में मानवीय आधार पर बोनस राशि का वितरण तत्काल प्रभाव से कर देना चाहिए। सिर्फ ब्याज प्राप्त करने के लिए राशि रोककर रखना उचित नहीं है। प्राथमिक समितियों को लाभांश की राशि भी सरकार नहीं दे रही है, बहुत ही आश्चर्यजनक है कि मूलधन समितियों का है उन्हे नहीं देकर ब्याज का उपयोग कर रही है। 31मार्च 2019 की स्थिति में उक्त राशि 432 करोड़ रुपये है।


 श्री अग्रवाल ने कहा कि बीमा योजना के संबंध में जानबूझ कर की गयी लापरवाही के कारण लाखों आदिवासी संग्राहक परिवारों का भी हित प्रभावित हुआ है। वहीं तेंदूपत्ता के बोनस नहीं मिल पाने के कारण आदिवासी परिवारों के सामने इस कोरोना काल में आर्थिक संकट की स्थिति निर्मित हो गई है। आदिवासी हितों का ढ़िढोरा पीटने वाली कांग्रेस सरकार प्रदेश के आदिवासी, जनजाति परिवार के साथ अन्याय कर रही है। आदिवासी हितों के लिए भाजपा की पूर्व सरकार की सारी


Popular posts
मध्य प्रदेश की कोविड 19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या पहुंची 47 -- तीन की मौत, सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या इंदौर में
Image
सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें शेयर कर ट्रोल हुईं नुशरत भरूचा
Image
आखिर ड्रग्स मामले में जेल से महीनेभर बाद बाहर आईं रिया चक्रवर्ती…
Image
शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए तकनीकी पाठ्यक्रमों,PET, PPHT, PPT और PMCA की परीक्षाएं रद्द --- शैक्षणिक योग्यता और प्राप्तांक के आधार पर मिलेगी प्रवेश,देखे आदेश
Image
गांधी परिवार के हस्तक्षेप से मान गए पायलट ---- पायलट को मिलेगा राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा पद
Image
अयोध्या में अब क्रूज बोट से देख सकेंगे सरयू आरती - ऐसा होगा रामायण क्रूज टूर
Image
RAIPUR SPECIAL : दिनाक 08 मार्च को " मयूर वाटिका भू- कल्याण समिति " का सेजबहार में प्लाट स्थल पर बैठक का आयोजन किया गया
Image
प्रशासन को सूद नहीं - रायपुर शहर के श्मशानघाटों पर अब चिता की लकड़ी भी आम आदमी की पहुंच से बाहर - चिता की लकड़ी 800 क्विंटल, कंडा 500 सैकड़ा
Image
WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने कहा कि दुनियाभर के देशों को भविष्य में आने वाली महामारी के लिए लेकर तैयार रहना चाहिए
Image
अनलॉक हुआ सूरजपुर और कवर्धा साथ ही बदला दुकानों का समय
Image