गरीबों के बच्चों का सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढऩे का सपना टूटा, बनाए ऐसे पेचिदा नियम नहीं कर पाए आवेदन


Report manpreet singh 


Raipur chhattisgarh VISHESH : जिले में संचालित होने वाले इंग्लिश मीडियम स्कूल (म्यूनिस्पल स्कूल) की एडमिशन प्रक्रिया लोकल समिति की मनमानी की भेंट चढ़ गई है। भर्ती प्रक्रिया महज एक हजार आवेदनों में क्लोज हो चुकी है। अब प्रबंधन आवेदनों की स्कू्रटनी की तैयारी कर रहा है। इसमें गरीब परिवार के बच्चों को दाखिला मिलने की उम्मीद कम ही है। क्योंकि कोरोना काल, पेचिदा नियम और सीमित समय के कारण ज्यादातर गरीब परिवार अपने बच्चों के लिए दाखिला आवेदन करने से वंचित रह गए हैं।


कायदे से म्यूनिस्पल स्कूल इंग्लिश मीडियम की प्रत्येक कक्षाओं में 40-40 बच्चों का एडमिशन लेना है। वो भी कक्षा एक से 12वीं तक। लेकिन  कक्षा एक से आठ और कक्षा 9वीं और 11वीं के लिए आवेदन लिया गया। 10वीं और 12वीं के लिए आवेदन लिया ही नहीं गया। ऐसे में पालकों को निराश होकर लौटना पड़ा। जब इस मसले पर स्कूल प्रबंधन से चर्चा की गई तो वे कोरोना काल के दौरान प्रभावित सिस्टम का बहाना बनाने लगे।


इस वजह से भी आवेदनों की संख्या घटी


एडमिशन के लिए क्लास गु्रप के अनुसार किलोमीटर दायरा सेट किया गया है। प्रायमरी, मीडिल और हाई स्कूल के लिए अलग किलोमीटर का दायरा सेट किया गया। इस नियम के कारण भी आवेदनों की संख्या घट गई। वहीं दूसरी ओर आवेदनों के साथ ऐसे ऐसे दस्तावेजों की मांग की गई, जिसको लॉकडाउन के समय जमा कर पाना पालकों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था।


दूसरे स्कूल के बच्चों से थोक में कराया आवेदन


गाइड लाइन के मुताबिक स्थिति चाहे जैसी भी हो प्रबंधन को इंग्लिश मीडियम की सभी सीटों को भरना ही है। लेकिन यहां मनमानी के चलते पहले ही आवेदन की संख्या घट गई थी। इसलिए प्रबंधन ने पास के ही सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के पालकों से थोक में आवेदन करा दिया। इसके बाद भी हालात ये है कि एक से अधिक क्लासेस में लॉटरी निकालने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी।


टीचर्स नहीं, ट्रेनिंग नहीं, कैसे चलेंगे क्लासेस?


एडमिशन प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रबंधन वर्चुअल क्लासेस चलाने की योजना बना रही है। यानी बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से घर बैठे ही शिक्षा दी जाएगी, लेकिन यहां अभी तक टीचर्स की नियुक्ति नहीं हुई है। ट्रेनिंग होना तो दूर की बात है। पूर्व में कुछ टीचर्स की नियुक्ति लोकल स्तर पर करने की कोशिश की गई थी, लेकिन वह विफल रहा। म्यूनिस्पल स्कूल की प्राचार्य आशा मेनन ने बताया कि कोरोना काल में व्यवस्था प्रभावित हुई है। इसी वजह से आवेदनों की संख्या कम है। 12वीं के लिए आवेदन आए ही नहीं। 10वीं के लिए कुछ आवेदन आए थे, लेकिन मौजूदा हालातों पर गौर करने के बाद आवेदनों को लौटा दिया गया। ताकि बच्चों का भविष्य खराब न हो। आवेदन लेना बंद कर दिया गया है। स्क्रूटनी के बाद बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा।


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