घर में नियमित वैदिक मंत्रोच्चारण से होते हैं ये लाभ


Report manpreet singh 


Raipur chhattisgarh VISHESH : वैदिक मंत्रोच्चारण हिंदू धर्म के प्राचीन गं्रथ, वेदों के स्तोत्रों की अभिव्यक्ति है। वैदिक मंत्रोच्चारण कम से कम 3 हजार वर्षों से चली आ रही परंपरा, जो संभवत: विश्व की प्राचीनतम सतत गायन परंपरा है। 


वेदों का प्रारंभिक संग्रह या संहिता ऋग्वेद है। जिसमें एक हजार स्तोत्र हैं। इन्हें अक्षरात्मक शैली, यानी उच्च स्वर में वाचन, जिसमें अक्षर को ध्वनिनुरुप बोला जाता है। इनमेें सुर के तीन स्तर होते हैं: एक मूलभूत प्रपठन सुर, जिसके साथ ऊपर व नीचे अन्य स्वर होते हैं, जिनका उपयोग ग्रंथों में व्याकरण संबंधी स्वराघात पर बल देने के लिए किया जाता है,।


ऋग्वेद के ये स्तोत्र उत्तरवर्ती संग्रह, सामवेद का आधार हैं, जिसके स्तोत्र (मंत्र) की ऐसी शैली अक्षरात्मक न होकर अधिक अलंकृत, सुरीले और गेय (दो या अधिक स्वरों के लिए एक शब्द) सुरों की छह या उससे अधिक विस्तृत श्रेणी है। स्वरों की साधारण संख्यात्मक प्रणाली ने वाचन में सटीकता स्वरोच्चारण और शारीरिक मुद्राओं पर बल देने की मौखिक परंपरा के साथ इस स्थिर परंपरा तथा समूचे भारत में इसकी समरुपता को बनाए रखा है। वैदिक मंत्रोच्चार आज भी उसी शैली में होता है, जैसा सदियों पहले होता था।


मंत्र अक्षरों के संयोजन से निर्मित और संरचित है जो कि, जब सही ढंग से स्पष्ट उच्चारण होता है , सार्वभौमिक ऊर्जा को व्यक्ति के आध्यात्मिक ऊर्जा में केंद्रित करते हैं । मंत्र का सार मूल शब्द या बीज कहलाता है और इसके द्वारा उत्पन्न शक्ति को मंत्र शक्ति कहा जाता है । प्रत्येक मूल शब्द एक विशेष ग्रह या ग्रह स्वामी से संबंधित है। मंत्र का उच्चारण मंत्र योग या मंत्र जप कहलाता है। मंत्र जप ध्वनि ऊर्जा, सांस और इन्द्रियों में समन्वय स्थापित करता है। मंत्रों के उच्चारण से ध्वनि तरंगे उत्पन्न होती है, जो एक शक्तिशाली ऊर्जा है, और जीवन में मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्तर में बदलाव के लिए उपयोगी है।


 मंत्रों की शक्ति उसके शब्दों में है। घर में भक्ति और विश्वास के साथ मंत्रों के नियमित जप से उस से सम्बन्धित देवताओं या ग्रह स्वामी की सकारात्मक और रचनात्मक ऊर्जा अपनी ओर आकर्षित होती है और नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति में सहायता करता है। यह अपनी समस्याओं के समाधान हेतु एक दिव्य साधन है। यह आपको सार्वभौमिक कंपन ऊर्जा के साथ समकालीन करता है। मन्त्र अवचेतन मन को सजग करता है, सचेतक चेतना को जागृत करता है और अपने वांछित लक्ष्य या उद्देश्य की ओर आकर्षित करता है। शारीरिक स्तर पर , यह आपकी तंत्रिकाओं को शांत करता है, ग्रंथियों को सक्रिय बनाता है, रक्तचाप सामान्य करता है और शरीर में विभिन्न जीवन प्रणालियों को अनुरूप करता है। मन्त्रों के जप से चित्त में आत्मविश्वास और एकाग्रता की वृद्धि होती है।


 आपका जन्म चार्ट या कुंडली आपके अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रकार के ग्रहों को दिखाता है। फलस्वरूप, वे आपके जीवन के प्रासंगिक हिस्सों को अनुकूल या प्रतिकूल रूप से प्रभावित करते हैं; यह आपका स्वास्थ्य, करिअर, रिश्ते इत्यादि हो सकता है। मंत्रों का उपयोग लाभकारी और हानिकारक दोनों ग्रहों के लिए किया जा सकता है। इन्हें लाभकारी ग्रह की ताकत बढ़ाने और हानिकारक ग्रहों के हानिकारक प्रभाव को कम करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। मंत्रों के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि वे केवल सकारात्मक प्रभाव देते हैं। उनका उपयोग स्वास्थ्य, संपत्ति, भाग्य, सफलता में वृद्धि और आलस्य, बीमारियों और परेशानियों से दूर होने के लिए किया जा सकता है।


Popular posts
शरीर को डिटॉक्स करने का एक बेहतरीन तरीका, तलवों पर एक खास तरह की मिट्टी लगाना,
Image
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, व्यापक स्तर पर ‘लॉकडाउन’ लगाने का विचार नहीं - महामारी की रोकथाम के लिये केवल स्थानीय स्तर पर नियंत्रण के कदम उठाये जाएंगे
Image
राष्ट्रीय विप्र फाउंडेशन छत्तीसगढ़ महिला प्रकोष्ठ ने घर पर ही रहकर ज़ूम मीटिंग कर ऑनलाइन घर पर ही एक दूसरे के सहयोग से मनाए हनुमान जन्मोत्सव
Image
ईद-उल-अजहा पर्व पर आज विधायक कुलदीप जुनेजा और छत्तीसगढ़ विशेष के सम्पादक मनप्रीत सिंह ने सभी प्रदेशवासियों को बधाई देते कहा कि ईद-उल-अजहा पर्व हमे भाईचारा एवं एकजुटता का संदेश देता है
Image
रायपुर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में ​राजधानी रायपुर समता कॉलोनी निवासी युवक पर कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की बात करते हुए ​रायपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की
Image
जल्द ही आप लगवा सकेंगे मनपसंद टीका, विदेशों में बनी वैक्सीन आयात करेगी सरकार
Image
कब्ज के लिए रामबाण दवा है सेंधा नमक, ऐसे करें सेवन
Image
स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स से बचने के लिए डाइट में लें विटामिन ई का करे प्रयोग
Image
सर्दियों में सॉफ्ट और खूबसूरत स्किन के लिए फॉलो करें ये जरूरी टिप्स, कोमल बनेगी त्वचा, ग्लो रहेगा बरकरार
Image
हास्य केंद्र योग के दसवें स्थापना वर्ष में शामिल हुए विधायक कुलदीप जुनेजा
Image