0 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर इस्तीफा सौंपा, केंद्र में बड़े ओहदे पर नियुक्ति किया
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : श्रीनगर , जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति का एक साल पूरा होते ही बुधवार 5 अगस्त को देर शाम उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने अचानक इस्तीफा दे दिया। इसे लेकर प्रशासनिक खेमे से लेकर सियासी गलियारों में खलबली मच गई है। मुर्मू ने देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस्तीफा सौंप दिया। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर के नए उपराज्यपाल नियुक्त किये गए हैं. ऊधर, मुर्मू के इस्तीफे का कारणों का पता नहीं चला, लेकिन अफवाहें हैं कि कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के कामकाज से वह खफा थे। जानकार सूत्रों के अनुसार मुर्मू की केंद्र में किसी बड़े पद पर नियुक्ति हो सकती है।
देर रात तक उपराज्यपाल के इस्तीफे की अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई थी। आज सुबह मनोज सिन्हा को उपराज्यपाल बनाये जाने जाने के बाद इसकी पुष्टि हो गई हैं. मुर्मू के करीबियों की मानें तो वह बीते कुछ दिनों से लगातार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रहे थे। नागरिक सचिवालय और स्थानीय हल्कों में जारी अफवाहों को अगर सही माना जाए तो जम्मू कश्मीर प्रशासन में कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ उनकी पटरी नहीं बैठ रही थी। इस मसले पर उन्होंने कथित तौर पर दिल्ली में गृहमंत्री और प्रधानमंत्री से चर्चा की थी। जीसी मुर्मू के इस्तीफे की चर्चा कई दिनों से चल रही थी।
जम्मू कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल जीसी मुर्मू
दिनभर के सभी कार्यक्रम किया रद्द
इस्तीफे की खबर शाम को सूर्यास्त के साथ ही फैली। इससे पूर्व उन्होंने श्रीनगर में दोपहर से लेकर शाम तक निर्धारित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए। उन्होंने दिल्ली से आए मीडियाकर्मियों के अलावा अन्य उच्चस्तरीय प्रशासनिक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक को भी रद्द कर दिया। दोपहर करीब 12 बजे के बाद किसी से कोई भेंट नहीं की। इसके बाद वह जम्मू में ही रहे जहां उन्होंने उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी के साथ मुलाकात करने के अलावा प्रशासनिक परिषद की बैठक में हिस्सा लिया।
नौ माह पांच दिन का रहा कार्यकाल
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत 31 अक्टूबर 2019 को बने जम्मू कश्मीर प्रदेश के पहले उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने वाले मुर्मू 1985 बैच के गुजरात कैडर के आइएएस अधिकारी हैं। उड़ीसा के मूल निवासी मुर्मू के इस्तीफे पर राष्ट्रपति की सहमति से देर रात मुहर लग गई . इस तरह वह जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल रूप में उनका कार्यकाल नौ माह और पांच दिन का रहा।
विकास को दी गति
अपने नौ माह के कार्यकाल में मुर्मू ने जम्मू कश्मीर में प्रशासनिक ढांचे को दुरुस्त करने के अलावा विकास को गति प्रदान की। उन्होंने लटके विकास कार्यों का काम शुरू कराने के अलावा आतंकवाद, अलगाववाद पर अंकुश लगाने की सटीक रणनीति पर काम किया। बेरोजगारी दूर करने के लिए उन्होंने प्रयास किया।