प्राइवेट स्कूलों में फीस नियंत्रण के लिए विधेयक लाएगी बघेल सरकार के साथ ही और बहुत से निर्णय लिए गए कैबिनेट मीटिंग मे


Report manpreet singh 


Raipur chhattisgarh VISHESH :रायपुर  , कोरोना वायरस (COVID-19) को लेकर लागू लॉकडाउन के बीच बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस और स्कूलों की फीस वसूली को लेकर देश के कई राज्यों में बहस छिड़ी हुई है. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस नियंत्रण को लेकर विधानसभा में विधेयक लाने का फैसला किया है. विधेयक लाने के प्रस्ताव को आज कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में सरकार ने जिला सहकारी बैंकों  को सुधारने का भी फैसला किया. सरकार ने इन बैंकों के पुनर्गठन करने का निर्णय लिया है. साथ ही प्रदेश में 6 नए सहकारी बैंक खोले जाने का भी फैसला हुआ है.


गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरकारी आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय लिए गए. कैबिनेट में बस्तर-सरगुजा की तर्ज पर मरवाही-गौरेला-पेंड्रा जिले में भी जिला कैडर के पदों की नियुक्ति में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया. बैठक में पिछड़ा वर्ग, एससी/एसटी और अल्पसंख्यक आयोग में पदों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला लिया गया. अभी इन आयोगों में एक अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान है. सरकार के फैसले के बाद अब अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के अलावा 6 सदस्यों की नियुक्ति हो सकेगी.


पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल वर्तमान में 3 साल का है. इसमें बदलाव किया गया है. संशोधन के बाद अब यह आगामी आदेश तक किया गया है. वर्तमान में पांच जिला सहकारी बैंक है, जो अपैक्स बैंक के अधीन है. कैबिनेट ने फैसला किया कि सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए प्रदेश में 6 नए बैंक खोले जाएंगे. ये बैंक प्रदेश के महासमुंद, बलौदाबाजार, बालोद, बेमेतरा, जांजगीर-चांपा और सरगुजा में खोले जाएंगे. इन जिला सहकारी बैंक खोलने के लिए प्रस्ताव रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को भेजा जाएगा.


कैबिनेट के अन्य निर्णय


कैबिनेट मीटिंग में निजी स्कूलों में फीस नियंत्रण के लिए विधेयक लाने पर भी फैसला लिया गया है. यह प्रस्ताव विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा. बैठक में एर्राबोर नक्सल हमले में मारे गए परिवार के लोगों को चार-चार लाख रुपए सहायता राशि देने का भी फैसला हुआ. आपको बता दें कि एर्राबोर में 2006 में नक्सलियों के हमले में 32 आदिवासी मारे गए थे. तत्कालीन सरकार ने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपए की सहायता दी थी.


राज्य कैबिनेट ने अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के गठन को भी मंजूरी दे दी है. छत्तीसगढ़ अखबार के मुताबिक, इस प्राधिकरण के गठन का फैसला पिछली रमण सिंह सरकार ने ही लिया था. यह आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीन था. इसके बाद से यह अस्तित्व में नहीं आ पाया. अब प्राधिकरण को सिंचाई विभाग के अधीन कर दिया गया है.


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