रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : रविवार की शाम जब रायपुर के आसमान पर बादल घुमड़ रहे हैं और हल्की- हल्की बारिश हो रही थी ,रोज इवनिंग वॉक करने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इन रिमझिम फुहारों के बीच भी अपने बंगले में वॉक कर रहे थे और अपने सिर पर खुमरी लगाए हुए थे , प्रदेश के मुखिया की ये तस्वीर देखकर हर छत्तीसगढ़िया अपनी पहचान को याद करेगा। ये तस्वीरें बताती हैं कि माटीपुत्र जब सहज ढंग से कुछ करते हैं तो कैसे अपनी माटी की पहचान को लेकर चलते हैं। इसके उदाहरण में यह बताना ही काफी है कि छत्तीसगढ़ राज्य बन गया पर 20 सालों में यहां काम कर रहे करीब आधे अधिकारियों और कर्मचारियों को हम छत्तीसगढ़ी नहीं सिखा सके। इन बरसों में सत्ता की तरफ से छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया की बातें खूब हुई हैं पर उसके पीछे मिट्टी से जुड़ाव का अहसास कम और वोट की चाहत ज्यादा दिखाई देती थी। छत्तीसगढ़ भी अपनी परंपराओं में काफी समृद्ध है लेकिन दशकों तक इसकी परंपराओं ने उपेक्षा झेली है। सत्ता पर काबिज रहे लोगों के लिए ये परंपराएं पिछड़ेपन की निशानी थी और इस अपमानजनक सोच को राज्य बनने के बाद भी कई मौकों पर बढ़ावा मिलता दिखा।