भिलाई के हाई टेक अस्पताल जोकि बिना कोई वैध लाइसेंस के चल रहा था, पर डीएम दुर्ग ने लगाया एक हफ्ते का प्रतिबन्ध - कोविड-19 में निजी अस्पतालों ने मन मर्ज़ी की हदें की पार


Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : कोविड-19 संक्रमण से जहाँ पूरा विश्व जूझ रहा है, वहीँ छत्तीसगढ़ में निजी अस्पतालों ने मनो लगता है अपनी सभी हदें पार कर दी हो और मानवीय समवेद्नावों को बेच दिया है।

दुर्ग के जिला प्रशासन को मिल रही इस तरह की लगातार शिकायतों के बाद आज जिला कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने निजी अस्पताल संचालकों की एक बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने सभी निजी अस्पताल के संचालकों को सख्त निर्देश दिए कि मरीजों के उपचार के मामले में किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जिला कलेक्टर ने कहा कि सभी अस्पतालों में रेफरल मरीज , डेड बॉडी मैनेजमेंट तथा अन्य मामलों में समन्वय बनाए रखने के लिए एक एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी की जाएगी।

नोडल अधिकारी अस्पताल प्रबंधन तथा मरीजों के परिजनों के बीच समन्वय बनाकर काम करेंगे। रैफरल की स्थिति में अस्पताल प्रबंधन नोडल ऑफिसर को जानकारी देंगे ।कलेक्टर ने कहा कि गंभीर एवं बुजुर्ग मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा , उन्होंने यह भी कहा कि सभी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड प्रथक से होंगे ।

वहीँ हाईटेक अस्पताल मे लगा एक सप्ताह का प्रतिबंध, जाने क्या है कारण…

इसी बीच हाईटेक अस्पताल के संदर्भ में आम नागरिकों से मिल रही लगातार शिकायतों के मद्देनजर कलेक्टर ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए 7 दिन का प्रतिबंध लगा दिया गया है।

खबर है कि हाईटेक अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज के एवज में मरीजों के परिजनों से अनाप-शनाप पैसे लिए जा रहे थे , जिसकी शिकायत लगातार मिल रही थी।कोविड-19 में आईसीएमआर के गाइडलाइन्स की पूरी तरह दज्जियाँ उड़ाई गयी, वहीँ कोविड-19 के मरीजों के साथ अटेंडेंट को रखने की सुविधा प्रधान की जा रही थी और तो और कोई भी बिना प्रोटोकॉल को मने मरीज़ से जा कर मिल सकता था।

साथ ही उक्त अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वस्थ्य ठीक होने का आंकड़ा भी काफी कम है और डेथ की संख्या चिंता जनक है।बात यहाँ समाप्त नहीं होती, सूत्रों के अनुसार हाईटेक के नाम पर अस्पताल संचालन के लिए प्रबंधकों के पास कोई वैध लाइसेंस भी नही है जो की एमसीई द्वारा दिया जाता है, बावजूद इसके हाईटेक प्रबन्धन जिला प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर इलाज के नाम पर जमकर दुकानदारी कर रहा है।

दुर्ग कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कहा कि पूरी परिस्थिति की कड़ाई से मॉनिटरिंग की जा रही है और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से यह अपेक्षा जताई कि वे नोडल अधिकारियों से तालमेल बैठाकर अच्छे से अच्छा इलाज मरीजों को उपलब्ध कराएं अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

कलेक्टर के निर्देश के बाद अस्पतालों के प्रबंधकों के बीच खलबली मच गई है।

अब देखना यह है की अस्पताल संचालन के लिए प्रबंधकों के वैध लाइसेंस कब तक बनते है और अगर बन गए है तो दुर्ग डीएम के पास कब पेश करते है????

Popular posts
मध्य प्रदेश की कोविड 19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या पहुंची 47 -- तीन की मौत, सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या इंदौर में
Image
सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें शेयर कर ट्रोल हुईं नुशरत भरूचा
Image
आखिर ड्रग्स मामले में जेल से महीनेभर बाद बाहर आईं रिया चक्रवर्ती…
Image
शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए तकनीकी पाठ्यक्रमों,PET, PPHT, PPT और PMCA की परीक्षाएं रद्द --- शैक्षणिक योग्यता और प्राप्तांक के आधार पर मिलेगी प्रवेश,देखे आदेश
Image
गांधी परिवार के हस्तक्षेप से मान गए पायलट ---- पायलट को मिलेगा राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा पद
Image
अयोध्या में अब क्रूज बोट से देख सकेंगे सरयू आरती - ऐसा होगा रामायण क्रूज टूर
Image
RAIPUR SPECIAL : दिनाक 08 मार्च को " मयूर वाटिका भू- कल्याण समिति " का सेजबहार में प्लाट स्थल पर बैठक का आयोजन किया गया
Image
प्रशासन को सूद नहीं - रायपुर शहर के श्मशानघाटों पर अब चिता की लकड़ी भी आम आदमी की पहुंच से बाहर - चिता की लकड़ी 800 क्विंटल, कंडा 500 सैकड़ा
Image
WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने कहा कि दुनियाभर के देशों को भविष्य में आने वाली महामारी के लिए लेकर तैयार रहना चाहिए
Image
अनलॉक हुआ सूरजपुर और कवर्धा साथ ही बदला दुकानों का समय
Image