रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : आजादी के इतने सालो बाद भी आज स्वास्थ क्षेत्र में मल्टी नेशनल कम्पनिया अपना हक़ जमा कर रखी हुई है l अभी हाल में ही केंद्र शासन द्वारा हृदय रोगियों को लगाए जाने वाले स्टेंट के दाम खाफी कम किये गए है l अब लेंस के लिए सरकार से अपील है lइसके चलते चलते मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों के लिए लेंस का मनमांना रेट लिया जाता है l ज्यादा तर डॉक्टर ही मरीजों को समझा बुझा कर खुद ही निर्माता कंपनियों से लेंस मंगवा लेते है और उसके बाद 150 का लेंस 3000 में लगता है केन्द्री स्वास्थ मंत्रालय को जैनेरिक और ब्रांडेड दवाओ ,स्टेंट , लेंस जैसे सर्जिकल आइटम्स के दामों पर कंट्रोल होना चाहिए छत्तीसगढ़ विशेष ने इस मुद्दे को उछालते हुए केन्द्री स्वास्थ मंत्रालय को लिखा है और उम्मीद रखते है की सरकार जल्द ही इन सब के बड़े हुए दरों पर लगाम लगाएगी l
जहा मोतियाबिंद के ऑपरेशन 2000 से 3000 का खर्चा आता है वही उसे प्राइवेट में 10 से 12 गुणा तक लिया जाता है l वही तमाम वी वी आई पी लोगो को महगे लेंस से फर्क नहीं पड़ता इस लिए सदियों से चलता आ रहा है ये गोरख धंधा l वही ये भी देखा गया है की शासन द्वारा आखो के ऑपरेशन के लिए 04 /4.5 हज़ार का लगाते हुए लगभग 14000 का पैकेज निर्धारित किया गया है प्राय : आँखों के अस्पतालों के द्वारा 20000 वसूल किये जाते है l जो लोग समर्थ है और अगर वो 10000 वाला लेंस लगाने को कहते है तो उनसे भी 30000 से 35000 तक लिया जा रहा है l जब की लेंस कोई भी हो ऑपरेशन की प्रक्रिया वही है l