Report manpreet singh
RAIPUR chhattisgarh VISHESH : हरसिंगार एक पुष्प देने वाला वृक्ष है। इसका वृक्ष 10 से 15 फीट ऊँचा होता है। इस पर सुन्दर व सुगन्धित फूल लगते हैं। इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। यह पूरे भारत में पैदा होता है। यह पश्चिम बंगाल का राजकीय पुष्प भी है।हरसिंगार (पारिजात) का जिक्र कई प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है। इसके फूल अत्यधिक सुगन्धित, छोटे पखुड़ियों वाले और सफेद रंग के होते हैं। फूल के बीच में चमकीला नारंगी रंग होता है। हरसिंगार का पौधा झाड़ीदार होता है।
कहते हैं कि श्रीकृष्ण भगवान रुक्मणि के लिए इस पौधे को इंद्रलोक से लेकर आए थे। इसे घर में लगाने से घर में हमेशा लक्ष्मी का वास रहता है।पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी जिसे इंद्र ने अपनी वाटिका में रोप दिया था।
शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव समेत देवी मां पर हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है । लक्ष्मी की पूजा करने के दौरान यदि उन्हें ये फूल चढ़ाए जाएं तो वो बेहद प्रसन्न होती हैं। पूजा के लिए परिजात के उन्हीं फूलों का उपयोग किया जाता है, जो अपने आप ही झड़कर नीचे जमीन पर गिर जाते हैं। इन फूलों को पौधे से तोड़कर पूजा में नहीं चढ़ाया जाता।
जो भी मनुष्य श्री हनुमानजी के मंदिर में अथवा नदी के किनारे या किसी भी सामाजिक स्थल पर हरसिंगार के दो या दो से अधिक पौधे लगाता है, उसे एक लक्ष्य तोला स्वर्णदान के जितना पुण्य प्राप्त होता है और उसे जीवन भर श्री हनुमान जी की कृपा मिलती रहती है।