Report manpreet singh
RAIPUR chhattisgarh VISHESH : महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन छत्तीसगढ़ में शुरू होने पहले ही विवादों के घेरे में है। पीएचई विभाग से अभी 7 हजार करोड़ रुपए के ठेकों के आबंटन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन उसमें गड़बड़ी को लेकर शिकायतें मिलनी शुरू हो गई हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच के लिए मुख्य सचिव आरपी मंडल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है।
केंद्र सरकार के सहयोग से इस योजना में ग्रामीण क्षेत्र के हर क्षेत्र में पेयजल लाइन पहुंचाई जानी है। जिससे प्रत्येक घर में नल लगाए जा सकें। इसके लिए ठेकों की प्रक्रिया चल रही है। आरोप है कि अकेले करीब 6 हजार करोड़ रुपए का ठेका राज्य की बाहर की कंपनियों को मैदानी इलाकों में दे दिया गया। जबकि प्रदेश के स्थानीय ठेकेदारों को बस्तर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में छोटे ठेके दिए गए।
डी श्रेणी के ठेकेदारों को भी पात्रता से अधिक के काम देने का आरोप
पीएचई विभाग की इस ठेका आबंटन प्रक्रिया को लेकर विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए थे। इसके बाद ठेकेदारों सहित कांग्रेस के नेताओं ने भी इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की। ए श्रेणी के ठेके के लिए पात्रता असीमित है, बी के लिए 10 करोड़, सी के लिए 2 करोड़ और डी के लिए एक करोड़ की पात्रता है। बताया जा रहा है कि डी श्रेणी के ठेकेदारों को भी 4 से 10 करोड़ के काम आबंटित कर दिए गए।
शिकायतों पर मुख्यमंत्री बघेल ने जताई है नाराजगी
योजना में शिकायत मिलने को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने ठेकों में गड़बड़ी के आरोपों पर नाराजगी भी जताई है। शिकायतों को लेकर उन्होंने मुख्य सचिव आरपी मंडल की अध्यक्षता में अपर मुख्य सचिव वित्त और सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की तीन सदस्यीय टीम गठित की है। यह टीम ठेका आबंटन को लेकर अपनी जांच कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
प्रदेश में ग्रामीण इलाकों के 38 लाख से ज्यादा घरों में नल लगाने का लक्ष्य
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप लाइन के माध्यम से 43.17 लाख घरों में से अब तक 4.82 लाख (11% ) घरों में ही पानी की सप्लाई की जा रही है। जल जीवन मिशन के माध्यम से 38.34 लाख घरों में पानी सप्लाई का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। इसके तहत साल 2024 तक हर घर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है।