रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जहां परिवार नियोजन के लिए सरकार कंडोम का इस्तेमाल करने सलाह देती है। लेकिन कई बार असुरक्षित, पुराने और खराब कंडोम के चलते लोगों को यौन बिमारियों का सामना करना पड़ जाता है। कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नकली कंडोम के चलते लोग को यौन बिमारियों के शिकार हुए हैं। वहीं, नकली कंडोम के चलते असुरक्षित यौन संबंध का भी खतरा बढ़ जाता है, जिससे परिवार नियोजित होने के बजाए बढ़ जाता है
नकली कंडोम के खिलाफ अभियान चलाकर यूनाइटेड किंगडम की कुछ संस्थाओं ने भारी मात्रा में नकली कंडोम जब्त किए हैं। बताया जा रहा है कि इस अभियान के तहत अब तक 1 लाख नकली कंडोम जब्त किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार यूके की द मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्टस रेगुलेटरी एजेंसी ने 2018 से लेकर 2019 के बीच पूरे देश में करीब 1 लाख नकली कंडोम जब्त किए। इनमें से 87,500 कंडोम तो एक ही रेड में मिले।
बताया गया कि जब्त किए गए नकली कंडोम असली कंडोम के डिब्बों में भरकर बेचे जा रहे थे। रेड के दौरान अधिकारियों ने एक्सपायरी और खराब कंडोम भी बरामद की है। कहा जा रहा है कि अगर ये कंडोम बाजार में बेच दिए जाते तो लाखों लोग यौन बिमारियों के शिकार हो जाते है
नकली कंडोम के संबंध में जानकारी देते हुए ब्रैडफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर महेंद्र पटेल ने बताया कि नकली कंडोम सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक होते हैं। कई लोग असली कंडोम की आड़ में नकली कंडोम का व्यापार करते हैं। नकली कंडोम को असुरक्षित तरीके से अप्राकृतिक पदार्थों से बनाया जाता है। जो कि यौन बीमारियों को रोकने में सक्षम नहीं होते। जबकि असली कंडोम का निर्माण लेटेक्स कंडोम प्राकृतिक रबर से बनाया जाता है।
द मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्टस रेगुलेटरी एजेंसी ने बताया कि जितना कंडोम, मेडिकल यंत्र और दवाइयां पकड़ी हैं उनकी कीमत 18.39 करोड़ रुपये से ज्यादा है। एमआरएचए ने इसे ऑपरेशन पैंजिया नाम दिया था। 2018 से 2019 के बीच इस तरह के गैर-कानूनी व्यापार करने वाले 859 लोगों को गिरफ्तार किया है।