रिपोर्ट मनप्रीत सिंग
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छत्तीसगढ़ में राजमार्ग और एनएचएआई के कार्यों और यातायात व्यवस्था की रिपोर्ट ली। गडकरी को बताया गया कि एनएच 30 यानी रायपुर-बिलासपुर का निर्माणलगभग 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया। गडकरी को इसकी गुणवत्ता को लेकर मिल रही जनशिकायतों से भी अवगत कराया गया। उनसे टोल टैक्स इस सड़क के बन जाने के बाद ही वसूली करने की मांग की गई।
पीडब्लूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू और परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर इसमें शामिल हुए। उन्होंने गडकरी से महत्वपूर्ण सड़कों तथा राजमार्गों के सुधार एवं उन्नयन और वाहनों के मासिक कर, ब्याज, बीमा में छूट तथा टोल टैक्स को माफ करने की मांग की। साहू ने गडकरी को बताया कि छत्तीसगढ़ में एनएच के 21 कार्य प्रगति पर है। चांपा-उरगा-कोरबा-कटघोरा मार्ग जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग 149-बी है, बहुत ज्यादा जर्जर है। इस वजह से यातायात प्रभावित हो रहा है। इसलिए बरसात के पहले इसके जीर्णोंद्धार की मंजूरी देवें। उन्होंने स्मरण दिलाया कि कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूर्व में चर्चा कर चुके हैं। साहू ने प्रदेश के राजमार्गों से संबंधित मांगे जो केन्द्र में रुकी हुई है पर भी चर्चा की।
40 हजार आटो वालों के लिए 40 करोड़ मांगे
परिवहन मंत्री अकबर ने गड़करी को बताया कि लॉकडाउन की वजह से वाहन विक्रय से प्राप्त होने वाले प्रति माह लगभग 100 करोड़ रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है। उन्होंने प्रदेश में प्रत्येक ऑटो-रिक्शा चालकों को भी मानदेय देने 40 करोड़ रुपए की मांग रखी। प्रदेश के लगभग 40 हजार ऑटो-रिक्शा चालकों के पास कोई अन्य रोजगार का साधन नहीं है। अकबर ने बीएस-4 वाहनों के पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाने का भी सुझाव दिया। यह भी बताया कि वाहनों के फिटनेस, परमिट, ड्राइविंग लायसेंस, रजिस्ट्रेशन तथा अन्य दस्तावेजों की वैधता 30 जून तक बढ़ा दी गयी है। राज्य को प्राप्त होने वाले कर को छूट दिए जाने से प्रति माह के हिसाब से लगभग 30 करोड़ रुपए की राजस्व क्षति हो रही है। इसमें यदि तीन महीने के लिए कर माफ किया जाता है तो लगभग 90 करोड़ की आवश्यकता होगी। इस वीसी में एसीएस अमिताभ जैन, सचिव तथा परिवहन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह भी थे।
40 हजार आटो वालों के लिए 40 करोड़ मांगे
परिवहन मंत्री अकबर ने गड़करी को बताया कि लॉकडाउन की वजह से वाहन विक्रय से प्राप्त होने वाले प्रति माह लगभग 100 करोड़ रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है। उन्होंने प्रदेश में प्रत्येक ऑटो-रिक्शा चालकों को भी मानदेय देने 40 करोड़ रुपए की मांग रखी। प्रदेश के लगभग 40 हजार ऑटो-रिक्शा चालकों के पास कोई अन्य रोजगार का साधन नहीं है। अकबर ने बीएस-4 वाहनों के पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाने का भी सुझाव दिया। यह भी बताया कि वाहनों के फिटनेस, परमिट, ड्राइविंग लायसेंस, रजिस्ट्रेशन तथा अन्य दस्तावेजों की वैधता 30 जून तक बढ़ा दी गयी है। राज्य को प्राप्त होने वाले कर को छूट दिए जाने से प्रति माह के हिसाब से लगभग 30 करोड़ रुपए की राजस्व क्षति हो रही है। इसमें यदि तीन महीने के लिए कर माफ किया जाता है तो लगभग 90 करोड़ की आवश्यकता होगी। इस वीसी में एसीएस अमिताभ जैन, सचिव तथा परिवहन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह भी थे।