रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ विशेष : कोरोना वायरस का खौफ पूरी दुनिया में है। हर लोग खौफ में हैं, लेकिन जो लोग अपने घर और राज्य से दूर कहीं और फंसे हैं, उनका डर तो और भी गहरा है। खबर आई है कि अकेले संयुक्त अरब अमीरात से डेढ़ लाख भारतीय अपने वतन लौटना चाह रहे हैं। इनमें श्रमिक, पेशेवर, पर्यटक, मेडिकल इमरजेंसी समेत हर प्रकार के लोग शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन सभी को वापस लाने के लिए मोदी सरकार महा-अभियान की शुरुआत करने जा रही है। इसके लिए भारतीय दूतावासों ने ई-रजिस्ट्रेशन की शुरुआत कर दी है।
दुबई में भारत के महावाणिज्यदूत विपुल ने गल्फ न्यूज को बताया, ”शनिवार शाम 6 बजे तक हमें 1 लाख 50 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए हैं।” उन्होंने कहा कि इनमें से एक तिहाई बेरोजगार हो चुके हैं और इसलिए घर वापस जाना चाहते हैं।”
विपुल ने बताया, ”करीब 40 फीसदी आवेदक श्रमिक हैं और 20 फीसदी पेशेवर। 25 फीसदी लोगों ने देश वापसी की वजह रोजगार छिनना बताया है। करीब 10 फीसदी आवदेक टूरिस्ट वीजा धारक हैं, जो लॉकडाउन शुरू होते ही विमान सेवा पर रोक की वजह से यहां फंस गए थे। अन्य आवदेकों में मेडिकल इमर्जेंसी, गर्भवती महिलाएं, स्टूडेंट्स आदि शामिल हैं।’
अबु धाबी स्थित भारतीय दूतावास और भारतीय महावाणिज्यदूतावास ने बुधवार रात ई-रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की थी। भारत लौटने की इच्छा रखने वाले नागरिकों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। महावाणिज्यदूत ने बताया कि आवेदक भारत के अलग-अलग राज्यों से हैं, लेकिन 50 फीसदी केवल केरल से हैं। यूएई में मौजूद 34 लाख भारतीयों में से 10 लाख से अधिक केवल केरल से हैं।
हालांकि विपुल ने कहा कि उन्हें अभी भारत सरकार से यह जानकारी नहीं दी गई है कि इन नागरिकों को किस माध्यम से ले जाया जाएगा या टिकट की कीमत किस तरह निर्धारित होगी तरह ले जाया जाएगा या यात्रा से पहले किस तरह आवेदकों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर अभी उच्च स्तरीय चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि अभी ई-रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है।