Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH :कानपुर का गैंगस्टर आरोपी विकास दुबे हर साल करीब 10 करोड़ की कमाई करता था। आधी कमाई तो रंगदारी से आती थी। इसके अलावा, काले धंधे से उसने अकूत सम्पत्ति जुटाई और अपने मिलने वालों पर पैसा खर्च करने से भी पीछे नहीं हटता था। जमीन कब्जा वसूली, बीसी और सूदखोरी से मोटी कमाई होती थी। इसके अलावा किसी से कॉन्ट्रेक्ट पर काम मिलने पर कमाई दोगुना और तीन गुना तक हो जाती थी।
हिस्ट्रीशीटर बड़ा काम जमीन कब्जाने से लेकर बीसी खिलवाने तक का था। किसी से जमीन खाली करानी हो या किसी को कब्जा कराना हो हर एक काम के लिए उसके रेट फिक्स थे। इसके अलावा उद्योगपतियों और सूदखोरी से भी कमाई होती थी।
प्रोटक्शन मनी के नाम पर हर माह 50 लाख
चौबेपुर इंडस्ट्रियल एरिया में 100 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। विकास का वहां पर सिक्का चलता था। उद्योगपतियों से वहां पर वह काम करने और प्रोटक्शन मनी के नाम पर हर महीने 50 लाख रुपए की आय होती थी। इसके अलावा सम्पत्तियों में उसके बाद लखनऊ में दो मकान और लगभग 150 बीघा अपनी और बेनामी जमीनों के बारे में जानकारी मिली है। कुछ साल पहले उसने नवाबगंज में एक फ्लैट को लाखों रुपयों में बेचा था। साथ ही छपेड़ा पुलिया के पास एक प्लॉट पर कब्जा कर लिया था।
बीसी में दूसरे लगाते थे पैसा
विकास खुद बीसी नहीं चलवाता था लेकिन दूसरे लोग उससे ब्याज पर पैसा लेकर बीसी खिलवाते थे और उसी के पैसे को आगे ज्यादा ब्याज पर दे देते थे। इसके भी इसको करोड़ों रुपयों की कमाई हो जाती थी।