रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : काठमांडू, भारत के क्षेत्रों को अपने नक्शे में दिखाने के बाद नेपाल इस विवादित मैप को दुनियाभर में भेजने जा रहा है। नेपाल अपने नए नक्शे को सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र और गूगल को भेजने वाला है। नेपाल के नए नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा इलाकों पर दावा किया गया है।
भारत के कड़े विरोध के बावजूद नेपाल की संसद ने नए राजनीतिक नक्शे को अपडेट करने के लिए संविधान में बीते 18 जून को संशोधन कर दिया था, जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भारत के तीन क्षेत्रों को शामिल किया गया है। भारत ने नेपाल के मानचित्र में बदलाव करने और कुछ भारतीय क्षेत्रों को उसमें शामिल करने से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को नेपाली संसद के निचले सदन में पारित किए जाने पर 13 जून को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह कृत्रिम विस्तार साक्ष्य एवं ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह ''मान्य" नहीं है।
भारत ने नवंबर 2019 में एक नया नक्शा जारी किया था, जिसके करीब छह महीने बाद नेपाल ने इस साल मई महीने में देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी कर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन इलाकों पर अपना दावा बताया था।नेपाली संसद के ऊपरी सदन यानी नेशनल असेम्बली ने संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया था। इसके बाद नेपाल के राष्ट्रीय प्रतीक में नक्शे को बदलने का रास्ता साफ हो गया था।