Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH :सरकार की गोबर खरीदी योजना ग्रामीणों एवं किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इसलिए कि गोबर समस्या कभी-कभी गांवों में विकराल समस्या के रूप में खड़ी हो जाती थी। अब सरकार की व्यवस्था के बाद गावों में गोबर को सहेजना भी शुरू कर दिए हैं। अभी 5 अगस्त के बाद एक बहस छिड़ी है कि आखिर एक गाय ने एक दिन में भला 59 किलो गोबर कैसे दे सकती है। चलिए हम आपकों बताते हैं, क्या है इसकी सच्चाई?
दरअसल, 5 अगस्त को जिला जनसम्पर्क कार्यालय, महासमुंद (छत्तीसगढ़) ने लिंगराज की सफलता की कहानी बताई थी जिसमें उन्होंने बताया था कि महासंमुद जिले के विकासखण्ड के भीतरी गांव छिबर्रा के रहने वाले और खेती किसानी के साथ पशुपालन का काम करने वाले लिंगराज ने गोधन न्याय योजना के शुभारंभ 20 जुलाई से 4 अगस्त तक 15 दिनों 221 क्विंटल का गोबर बेचा। आज उसके खाते में 44200 रुपए आने की सूचना दी है। जनसंपर्क PRO पराशर जी ने बताया कि ये समझने वालों के समझ के उपर में हैं। किसान अपने पुराने गोबर भी बेच सकतें है।
मतलब आप समझिए, इसे लेकर राजनीतिक बयान-बाजी भी हुई, लेकिन सच्चाई जानने की कोशिश नहीं की गई। 25 जानवरों का गोठान चलाने वाले इस लिकंराज के पास रोजाना कितना गोबर निकलता होगा। कई सालों से इस गोबर के लिए जद्दोंजहद चल रहा होगा? लेकिन सरकार की इस योजना से उन्हें भरपूर सफलता मिली है