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RAIPUR chhattisgarh VISHESH : नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और श्रीलंका के बीच बौद्ध धर्म से सम्बंधित सम्पर्कों को बढ़ावा देने के लिए डेढ़ करोड डॉलर की अनुदान सहायता की घोषणा की है। शनिवार दोपहर बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव हिन्द महासागर क्षेत्र, अमित नारंग ने कहा कि इस अनुदान सहायता से दोनों देशों के लोगों के बीच बौद्ध धर्म से संबंधित क्षेत्रों में व्यक्तिगत स्तर पर सम्बंध बढ़ाने में मदद मिलेगी।
श्री मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिन्दा राजपक्षा ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय शिखर बैठक का भी आयोजन किया। दोनों नेताओं के बीच इस बात पर सहमति बनी कि भारत, श्रीलंका से पहली उड़ान से पवित्र बौद्ध तीर्थ स्थल कुशीनगर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। बौद्ध तीर्थ यात्रियों के लिए कुशीनगर के महत्व को देखते हुए यहां के हवाई अड्डे को हाल में महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में मान्यता दी गई है। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत थे कि भारत और श्रीलंका को आयुर्वेद और योग के क्षेत्र में सहयोग के अवसरों का पता लगाना चाहिए।
दोनों नेताओं में इस बात को लेकर भी सहमति बनी कि भारत और श्रीलंका के बीच प्राचीन सांस्कृतिक संबंध बहुत ही विशिष्ट हैं तथा इन्हें और मजबूत किया जाना चाहिए। श्री राजपक्षा ने जाफऩा सांस्कृति केन्द्र का जिक्र करते हुए बताया कि यह भारत की सहायता से पूरी की जा रही अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना है जिसका काम पूरा होने को है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने परियोजना के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वहां आने का निमंत्रण दिया।
भारत और श्रीलंका में उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियाजनाओं को 2020 से पांच वर्ष के लिए और बढ़ाने के समझौता ज्ञापन को लेकर भी सहमति बनी है। दोनों नेता इस बात को लेकर सहमत थे कि श्रीलंका में भारत की सफल आवासीय परियोजना को जारी रखा जाना चाहिए और इसके लिए उन्होंने बागानी क्षेत्र में दस हजार मकानों के निर्माण के कार्य को तेज करने संबंधी निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को देने पर सहमति व्यक्त की। संयुक्त सचिव ने बताया कि बातचीत मित्रतापूर्ण, खुले और सदभावपूर्ण माहौल में आयोजित की गई। दोनों नेताओं ने कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों के आर्थिक पहलुओं पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका की नयी सरकार का आह्वान किया कि वह अखंड श्रीलंका के दायरे में तमिल लोगों की समानता, न्याय, शांति और गरिमा की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वहां के संविधान में दिए गए सुलाह-सफाई के प्रावधानों पर अमल करे। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि श्रीलंका में शांति और सुलाह-सफाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए संविधान के 13 वें संशोधन पर अमल करना आवश्यक है।