Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : मुंबई, वेश्यावृत्ति से जुड़े एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने कहा है कि इम्मोरल ट्रैफिक प्रिवेंशन एक्ट के तहत वेश्यावृत्ति जुर्म नहीं है। जस्टिस पृथ्वीराज के चव्हाण ने कहा कि किसी औरत को अपनी मर्जी का पेशा चुनने का अधिकार है। ऐसे में किसी भी महिला को उसकी सहमति के बिना लंबे वक्त तक सुधार गृह में नहीं रखा जा सकता है। फैसला वेश्यावृत्ति के आरोप में पकड़ी गईं तीन युवतियों की याचिका पर सुनाया गया है। इन युवतियों को सुधार गृह में रखा गया था। जस्टिस चव्हाण ने कहा कि कानून का मकसद देह व्यापार को खत्म करना है, न कि महिलाओं को दंडित करना