कल लड़ाकू विमान राफेल को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल कर लिया गया


Report manpreet singh 

RAIPUR chhattisgarh VISHESH : नई दिल्ली , एयर फोर्स स्टेशन, अंबाला में एक औपचारिक कार्यक्रम में कल लड़ाकू विमान राफेल को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल कर लिया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की सैन्य बल मंत्री सुश्री फ्लोरेंस पार्ली ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

इस अवसर पर अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल को वायु सेना में शामिल करने का यह ऐतिहासिक क्षण है और आईएएफ के इतिहास में यह बेहद अहम मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, राफेल सौदा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए परिवर्तनकारी घटना है और इसके शामिल होने से दुनिया और विशेष रूप से भारत की सम्प्रभुता को चुनौती देने वालों को एक सख्त संदेश गया है। राजनाथ सिंह ने किसी भी परिस्थिति में भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करने तथा इसके लिए हर संभव तैयारियां करने के दृढ़ संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा, “सेना के इरादे उतने ही मजबूत हैं, जितने हो सकते हैं।” रक्षा मंत्री ने यह भी कहा, “हमारी रक्षा की मजबूती का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थायित्व हासिल करना है। हम ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहते, जिससे वैश्विक शांति को खतरा पैदा हो सकता है। हम अपने पड़ोसियों और दुनिया के अन्य देशों से भी यही उम्मीद करते हैं।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकताओं पर बात करते हुए श्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा प्रधानमंत्री की एक बड़ी प्राथमिकता रही है और यह उनके विज़न का ही परिणाम है कि हम रास्ते में आने वाली तमाम बाधाओं के बावजूद मजबूती से खड़े हुए हैं।

राफेल के शामिल होने को भारत-फ्रांस सामरिक संबंधों की मजबूती का उदाहरण बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, “हमने रक्षा सहयोग के कई क्षेत्रों में मिलकर काम किया है। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते के तहत, मझगांव डॉक्स में 6 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है। इस भागीदारी के आधार पर, पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवारी 2017 में तैयार हो गई थी।” उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और आईओआर में सामुद्रिक सुरक्षा और समुद्री डाकुओं की जैसी समान चुनौतियों से निपटने में भारत-फ्रांस सहयोग पर भी प्रकाश डाला।

रक्षा मंत्री ने भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में फ्रांस के निवेश की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान की प्रतिक्रिया में रणनीतिक भागीदारी मॉडल के अंतर्गत रक्षा उपकरणों का विनिर्माण, स्वचालित रूट से एफडीआई सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत तक करना, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा कॉरिडोर की स्थापना तथा ऑफसेट में सुधार जैसे कई नीतिगत सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा, “मुझे भरोसा है कि फ्रांस के रक्षा उद्योग को इसका फायदा मिलेगा और स्वदेशीकरण के हमारे सफर में फ्रांस हमारा भागीदार बना रहेगा।”

रक्षा मंत्री ने हाल में एलएसी के निकट त्वरित और निर्णायक फैसले लेने के लिए आईएएफ कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सीमा पर अग्रिम इलाकों में आईएएफ की संसाधनों की तैनाती से इस बात का भरोसा बढ़ा है कि हमारी वायु सेना अपनी परिचालन जिम्मेदारियों को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। श्री सिंह ने कोविड-19 महामारी के दौरान देश के प्रयासों में योगदान के लिए भी आईएएफ की सराहना की।

फ्रांस की सैन्य बल मंत्री सुश्री फ्लोरेंस पार्ली ने अपने संबोधन में कहा कि आज आईएएफ में राफेल का शामिल होना दोनों देशों के संबंधों की मजबूती का प्रतीक है, जो ठोस हैं और जरूरत पर हमेशा खरे साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब भारत एक विश्व स्तरीय क्षमता हासिल कर लेगा, जिससे नई दिल्ली को अविश्वसनीय सम्प्रभुता हासिल होगी और सामरिक लिहाज से पूरे क्षेत्र में अपनी रक्षा में बढ़त भी मिलेगी। उन्होंने बाकी 31 लड़ाकू विमानों की समय से डिलिवरी किए जाने का भी भरोसा दिलाया। सुश्री फ्लोरेंस पार्ली ने यह भी कहा कि फ्रांस मेक इन इंडिया पहल के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। फ्रांस का उद्योग कई साल से रक्षा क्षेत्र में पनडुब्बी निर्माण जैसे कामों में ऐसा कर रहा है।

समारोह के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री राजकुमार, सचिव (रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग) और डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. जी. सतीश रेड्डी के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय और वायु सेना के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। फ्रांस के प्रतिनिधिमंडल में भारत में फ्रांस के राजदूत श्री इमैनुअल लिनेइन, फ्रांस की वायु सेना के वाइस चीफ ऑफ द एयर स्टाफ एयर जनरल इरिक ऑतेलेट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इसके अलावा दसॉ एविएशन के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी श्री इरिक ट्रैपियर और एमबीडीए के सीईओ श्री इरिक बेरंगर सहित फ्रांस के रक्षा उद्योग के वरिष्ठ पदाधिकारियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी समारोह के दौरान उपस्थित रहा।

फ्रांस से पहले पांच राफेल एयरक्राफ्ट 27 जुलाई, 2020 को एयर फोर्स स्टेशन, अंबाला पहुंचे थे जो 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन ऐरोज’ का हिस्सा होंगे। राफेल के औपचारिक अनावरण से पहले एक पारम्परिक ‘सर्व धर्म पूजा’ की गई। राफेल और तेजस एयरक्राफ्ट के साथ ‘सारंग एयरोबैटिक टीम’ द्वारा हवाई प्रदर्शन के बाद राफेल एयरक्राफ्ट को पारंपरिक वाटर कैनन से सलामी दी गई। समारोह के बाद भारतीय और फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडलों के बीच एक द्विपक्षीय बैठक भी हुई।

इससे पहले सुबह दिल्ली पहुंचने पर फ्रांस की सैन्य बल मंत्री सुश्री फ्लोरेंस पार्ली को एक समारोह में गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

Popular posts
उत्तर प्रदेश के एक ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान के द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र (Death certificate) जारी किया गया , जिसे आप भी देखे
Image
जुलाई में जीएसटी से कुल 87 हजार 422 करोड़ रुपये का राजस्व मिला
Image
समता और चौबे कॉलोनी में मिले कोरोना पॉजिटिव, निगम टीम ने प्रभावित क्षेत्रों को किया सेनेटाइज्ड
Image
स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स से बचने के लिए डाइट में लें विटामिन ई का करे प्रयोग
Image
सिखों के पंचम गुरु शहीदों के सरताज श्री गुरु अर्जुन देव जी के प्रकाश पर्व पर छत्तीसगढ़ विशेष की तरफ से बधाई एवं विशेष संकलित लेख
Image
हाथी के गोबर से बनी इस चीज का सेवन आप रोज करते हो.. जाने कैसे
Image
वफ्फ बोर्ड ने कब्रिस्तान में मैयत दफनाने के संबंध में जारी किये दिशा-निर्देश
Image
क्या थी काला पानी की सजा - भारत में आजादी के पहले अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ और आजादी की मांग करने वालों को अंग्रेज सरकार काला पानी की सजा देती थी
Image
जस्सा को छोड़ने के मामले में जांच हुई पूरी, 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हो सकती बड़ी कार्रवाई ---- जांच में सभी पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जस्सा को छोड़ दिया था आबकारी और सट्टा की मामूली धारा लगा कर।
Image
अखिर कार 4 हजार करोड़ की लागत से डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन को रेल मंत्रालय ने मंजूरी दी,जल्द दौड़ेगी ट्रेन
Image