Report manpreet singh
RAIPUR chhattisgarh VISHESH : मुंबई, बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का आज भले ही शिवसेना के साथ विवाद चल रहा हो लेकिन उनके मुंबई ऑफिस में अवैध निर्माण को लेकर दो साल पहले भी उन्हें चेतावनी दी गई थी और तब भी कंगना ने अदालत की शरण ली थी. बुधवार को बीएमसी ने इस कथित अवैध निर्माण को गिराने की प्रक्रिया शुरू की लेकिन कंगना यह कहते हुए कि उन्हें समय पर इसके बारे में नहीं बताया गया, हाई कोर्ट चली गईं और अदालत ने तुरंत बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी. तोड़फोड़ की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई जब कंगना और महाराष्ट्र सरकार के बीच जबरदस्त विवाद चल रहा है. मुंबई में जिस वक्त कंगना के दफ्तर में तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू हुई उस वक्त कंगना ने मुंबई के लिए फ्लाइट पकड़ी.
बाद में अभिनेत्री ने तोड़फोड़ के कई वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किए. कंगना ने लिखा, ‘मेरे घर में कोई भी अवैध निर्माण नहीं है, साथ ही सरकार ने कोरोना काल में 30 सितंबर तक किसी भी तरह की तोड़फोड़ पर रोक लगा रखी है, बुल्लीवुड, अब देखो फासीवाद कैसा दिखता है.’सोमवार को कंगना रनौत ने शहर के अधिकारियों पर खार स्थित मूवी प्रोडक्शन हाउस मणिकर्णिका फिल्म्स के ऑफिस पर जबरन घुस आने का आरोप लगाया था. उन्होंने ट्वीट किया था, ‘मुझे बताया गया है कि वे कल मेरी प्रापर्टी को गिरा देंगे.’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने दावा किया था कि उनके पास इसकी जरूरी इजाजत है और उनकी प्रापर्टी में कुछ भी ‘गैरकानूनी’ नहीं है. हालांकि एडीशनल सेशन जज कोर्ट के कागजात (जिन पर 20 अक्टूबर 2019 की तारीख है) बताते हैंं कि 28 मार्च 2018 को मिले नोटिस पर अंतरिम राहत के लिए कंगना ने कोर्ट की शरण ली थी. इसके ऑर्डर पर 10 सितंबर 2018 की तारीख है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि उन्हें (कंगना को) जवाब देने का मौका दिया जाना चाहिए और यदि जरूरी और अनुमति योग्य है तो वह अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए भी आवेदन कर सकती हैं.