अखिरकार रायपुर में 07 दिनों का लॉकडाउन का निर्णय लिया गया --- कलेक्टरों को छत्तीसगढ़ मे दिया गया अधिकार, अधिक केस वाले इलाके में 21 जुलाई के बाद लॉक डाउन


 0  रायपुर में 7 दिनों का लॉकडाउन


 0  मुख्यमंत्री ने की घोषणा ----मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया निर्णय


 0   करोना के बढ़ते प्रकोप से छत्तीसगढ़ को बचाने का प्रयास


Report manpreet singh 


Raipur chhattisgarh VISHESH :लॉकडाउन पर सरकार का बड़ा फैसला, कलेक्टरों को छत्तीसगढ़ मे दिया गया अधिकार, अधिक केस वाले इलाके में 21 जुलाई के बाद लॉक डाउन l छत्तीसगढ़ में करोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल की आवश्यक बैठक में करोना पर नियंत्रण पाने के लिए 7 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा की है - यह लॉक डाउन 22 से 28 जुलाई तक होगा , यदि नागरिकों ने इसके पालन में लापरवाही की तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है - कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन करने पर अब होगा जुर्माना 1️⃣ सार्वजनिक स्थलों पर मास्क नहीं- ₹100 2️⃣ होम क्वारेंटाईन के दिशा निर्देशों का उल्लंघन- ₹1000 3️⃣ सार्वजनिक स्थलों पर थूकना- ₹100 4️⃣ फिजिकल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन- ₹200 लगभग 100 दिनों के लॉकडाउन के बाद अनलॉक वन और अनलॉक टू के दौरान आम लोगों द्वारा करोना जैसी गंभीर बीमारी को नजरअंदाज कर गाइडलाइन का पालन नहीं करने से बीमारी के प्रकोप को बढ़ाने के लिए लोग स्वयं जिम्मेदार हैं क्योंकि शासन द्वारा ढील दिए जाने के बावजूद लोगों ने मास्क पहनने में, सोशल डिस्टेंसिंग करने में, भीड़भाड़ वाली जगह से बचने में, बिना वजह सड़कों पर घूमने, पिकनिक पार्टी जाने से परहेज करने में केंद्र एवं प्रदेश की गाइडलाइन का पालन नहीं किया - शासन प्रशासन ने अपनी तरफ से गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए भरपूर कोशिश की, मास्क ना पहनने वालों पर जुर्माना किया सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर समय-समय पर अलर्ट किया, टीवी अखबार सोशल मीडिया सहित सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की कोशिश की, उठक बैठक लगवाई करोना वारियर्स की परेशानियों उनकी पीड़ा और उनकी परिवारों से दूरी के बावजूद करोना बीमारी से लोगों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर बचाने के प्रयासों के बारे में भी जन-जन को बताया, परंतु कुछ लोगों की लापरवाही का नतीजा है कि फिर से lock-down की नौबत आ गई |


लॉकडाउन पर सरकार का बड़ा फैसला, कलेक्टरों को दिया गया अधिकार, अधिक केस वाले इलाके में 21 जुलाई के बाद l पूरे प्रदेश में 22 तारीख के बाद लॉकडाउन नहीं लगेगा बल्कि सर्वाधिक प्रभावित शहरी इलाकों में लगाया जाएगा. दरअसल, प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री निवास में मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इस बैठक में लॉकडाउन को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया. सभी जिले के कलेक्टरों को लॉकडाउन के लिए अधिकृत किया गया है. वो चाहे तो लगाएं या न लगाएं. ग्रामीण इलाकों में विशेष परिस्थिति में ही लॉकडाउन रहेगा. इसके अलावा जिन इलाकों में कोरोना के ज्यादा मामले है उन इलाकों में लॉकडाउन लगाया जाएगा. हालांकि ये भी कलेक्टर पर छोड़ा गया है.


शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन लगा सकते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष परिस्थितियों में ही लगा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने रायपुर और बिरगांव को लेकर गहरी चिंता जताई है. बढ़ते मामले को देखते हुए रायपुर और बिरगांव निगम क्षेत्र में लॉकडाउन जल्द लग सकता है. 21 जुलाई के बाद प्रदेश में जिन जगहों पर कोरोना के मामले ज्यादा हैं वहां लॉकडाउन लगाया जाएगा. यह लॉकडाउन 7 दिन का होगा. हालांकि इसकी पूर्व में सूचना दी जाएगी.


 बिरगावं में होगी 100 प्रतिशत टेस्टिंग- मंत्री रविंद्र चौबे


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस तरीके से यह वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण फैल रहा है और विशेष रूप से रायपुर, बिरगांव, दुर्ग भिलाई, बिलासपुर व रायगढ़ जैसे बड़े शहरों में संक्रमण की स्थिति है तो उसको लेकर के आज बेहद गंभीर बातचीत के लिए मंत्रिमंडल के सभी साथियों को अधिकारियों सहित आमंत्रित किया था. स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी टीम में जिस तरीके से इसकी रफ्तार बढ़ रही है और रोकथाम की जो उपाये हो रहे हैं उसकी गति क्या है उसके बारे में समीक्षा की गई. इसके बाद निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में जो टेस्टिंग हो रही है उसकी लगभग दुगनी मात्रा में हम पूरे प्रदेश में टेस्टिंग करेंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग हो सके और संक्रमण की जानकारी हो सके ताकि उसका अच्छा से इलाज हो सके.


दूसरा बिरगांव जिस तरीके से बढ़ते जा रहे हैं तो निर्णय लिया गया है कि पूरे एरिया में हंड्रेड परसेंट टेस्टिंग बिरगांव जैसे नगर निगम क्षेत्र में किया जाएगा.


तीसरा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है हेल्थ डिपार्टमेंट को ऑफ टेस्टिंग बढ़ाना है इलाज की सुविधा देना है आने वाले समय में जितने बेड की रिक्वायरमेंट हो सकती है, पूरे छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में विशेष रुप से रायपुर राजधानी में इसकी समीक्षा की गई और इस बात का निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में जो मेन पावर की जरूरत है टेक्नीशियन की जरूरत होगी लेबर टेंट की जरूरत होगी डॉक्टरों की भी जरूरत होगी एन एम की जरूरत होगी तो उसके लिए तो उसके लिए जो हेल्थ डिपार्टमेंट का रिक्वायरमेंट होगा उसके लिए बैठ कर के मुख्यमंत्री ने अनुमति दी है.


चौथा जो सबसे महत्वपूर्ण निर्णय हुआ है कि जिस तरीके से संक्रमण फैल रहा है रायपुर बिरगांव है या बड़े शहर हैं तो कलेक्टरों को तो सभी कलेक्टरों को अधिकृत किया जा रहा है उनको निर्देश दिए जा रहे हैं कि अगर आवश्यकता महसूस करें की संक्रमण को रोकने के लिए कर्फ्यू जैसा या पूर्ण लॉकडाउन जैसा करना है तो 3 दिन 4 दिन पहले इस बात की एलाउंसमेंट करें और यह अधिकार कलेक्टरों को रहेगा. जैसे रायपुर है या दुर्ग है या बिलासपुर है नगर निगम क्षेत्र जहां यह सब संक्रमण बढ़ रहा है तो अपने शहर में सारी गतिविधियों को रोका जाएगा लेकिन जो आवश्यक गतिविधियां हैं जैसे दूध है जैसे सब्जी है जैसे दवाई हैं उसको छोड़ कर के सारी गतिविधियों को बंद कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए पूर्व में सूचना देना आवश्यक है. यह अधिकार कलेक्टरों को दिए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया


कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए रायपुर और बिरगांव में 22 से 28 जुलाई तक लॉकडाउन का ऐलान किया गया है।बता दे कि मंत्री मण्डल की बैठक के बाद रायपुर जिला प्रशासन की बैठक में ये फैसला लिया गया है। वहीं, बिलासपुर और कांकेर में भी लॉकडाउन लगना तय माना जा रहा है।


वही, रायपुर कलेक्टर एस भारती दासन ने शनिवार को आपात बैठक बुलाकर टोटल लॉकडाउन को लेकर आला अफसरों से चर्चा की थी। वहीं शनिवार शाम 4 बजे सीएम भूपेश बघेल ने भी लॉकडाउन को लेकर अधिकारियों की बैठक लेकर प्रदेश में लॉकडाउन को लेकर रायशुमारी की थी।इस बैठक में सभी कलेक्टर्स को फ्री हैंड दे दिया गया है। वे अपने जिलों मेंं कोरोना मरीजों की संख्या के आधार पर एक सप्ताह का लॉकडाउन लगा सकते हैं। लेकिन लॉकडाउन की सूचना उन्हें तीन दिन पहले सरकार को देनी होगी।


गौरतलब है कि कोरोना से बचाव और प्रसार की रोकथाम के लिए जिले में पहले से ही धारा 144 लागू है और शारीरिक दूरी के पालन के नियम को अपनाया जा रहा है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए पूर्णत: तालाबंदी मंगलवार की रात 11 बजे से 29 जुलाई की सुबह 06 बजे तक रहेगी।


शराब दुकान, हाट-बाजार और दफ्तरों पर प्रतिबंध


जिले में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले कार्यालय और प्रतिष्ठानों को छोड़कर सभी तरह की दुकानें जैसे शराब, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय, साप्ताहिक हाट-बाजार आदि अपनी संपूर्ण गतिविधियों को बंद रखेंगे।


परिवहन सेवाएं बंद


इसके साथ ही समस्त सार्वजनिक परिवहन सेवाएं, जिसमें निजी बसें, टैक्सी, ऑटो रिक्शा, बसें, ई-रिक्शा, रिक्शा इत्यादि को भी बंद रखा जाएगा। हालांकि इमरजेंसी मेडिकल सेवा वाले व्यक्तियों को वाहन की ओर से आवागमन की अनुमति रहेगी। ऐसे निजी वाहन, जो इस आदेश के अंतर्गत आवश्यक वस्तुओं, सेवाओं के उत्पादन और उनके परिवहन का कार्य कर रहे हों, उन्हें भी अपवादिक स्थिति में तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए परिवहन की छूट रहेगी।


मंदिरों पर भी असर


सक्रिय लॉकडाउन में इलाकों के सभी धार्मिक स्थल, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों को भी बंद रखने का आदेश है। आम जनता के लिए मंदिर पूर्णत: बंद रहेंगे।


ये सेवाएं प्रतिबंध से बाहर


कानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी, कर्मचारी, स्वास्थ्य सेवाएं सभी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, लाइसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लिनिक, दवा दुकान, चश्मे की दुकान, दवा उत्पादन की इकाई, संबंधित परिवहन, खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवाएं, खाद्य पदार्थ दूध, ब्रेड, फल, सब्जी, चिकन, मटन, मछली, अंडा के विक्रय, वितरण, भंडारण, परिवहन की गतिविधियां, दूध संयंत्र, घर पर जाकर दूध बांटने वाले दूध विक्रेता एवं न्यूज पेपर हाकर प्रात: 6:30 से 9:30 बजे तक लॉक डाउन से मुक्त रहेंगे ।


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