5 IAS सहित 16 अफसरों के खिलाफ FIR खारिज करने पर हाइकोर्ट में सुनवाई, हवाई पट्टी पर गैरकानूनी कब्जे का मामला


Report manpreet singh 


Raipur chhattisgarh VISHESH : जबलपुर, उज्जैन के पूर्व कलेक्टर आइएएस अधिकारी कवींद्र किवायत सहित 16 अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर निरस्त करने के लिए दायर याचिका की सुनवाई अब मध्यप्रदेश हाइकोर्ट के तीन जजों की लार्जर बेंच करेगी। करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप में लोकायुक्त ने यह एफआइआर दर्ज की है। जस्टिस संजय यादव व जस्टिस बीके श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने दोनों सदस्य जजों के मत में अन्तर्विरोध के चलते यह मामला लार्जर बेंच के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।


यह है मामला : दरअसल 2013 में हुई शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने 2019 में अपने ही विभाग के पूर्व डीजी अरुण गुर्टू, उज्जैन कलेक्टर रहे पांच आईएएस, पीडब्ल्यूडी के अफसरों सहित 16 लोगों पर केस दर्ज किया। मामला उज्जैन की दताना-मताना हवाईपट्‌टी का है, जिसकी लीज जमा नहीं करने, गैर कानूनी ढंग से हस्तांतरित करने की जांच के बाद लोकायुक्त ने यह कार्रवाई की। लोकायुक्त में हुई एक शिकायत के मुताबिक साल 2013 में यश एयरवेज की लीज और लाइसेंस निरस्त होने के बाद इस हवाईपट्टी का संचालन सेंटर एविएशन कंपनी द्वारा किया जा रहा है। सेंटर एविएशन कंपनी लोकायुक्त के पूर्व डीजी अरुण गुर्टू की थी। शिकायतकर्ता का आरोप था कि गुर्टू ने अपने प्रभाव का फायदा उठाते हुए 2013 के बाद गैरकानूनी तरीके से हवाई पट्टी का संचालन किया। हर साल जो लीज रेंट कंपनी से जमा करवाने की जिम्मेदारी कलेक्टरों की थी, वो तत्कालीन कलेक्टरों ने पूरी नहीं की। इसे लेकर लोकायुक्त मुख्यालय ने जांच के बाद एफआईआर दर्ज की थी।


9 साल तक जमा रहा कब्जा : लोकायुक्त के अनुसार हवाईपट्टी की लीज समाप्त होने के बाद भी यश एयरवेज ने सेंटर एविएशन कंपनी के नाम से हवाईपट्टी पर कब्जा जमाए रखा। एयरवेज संचालकों ने 9 साल तक लीज रेंट भी जमा नहीं किया। संचालकों ने पीडब्ल्यूडी से सांठगांठ कर 2.66 करोड़ रुपए हवाईपट्टी के रखरखाव के नाम पर खर्च करा लिए। कंपनी ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम भी विकसित नहीं किया। इसके कारण सालों से यहां एयरपोर्ट नहीं बन पाया।


किवायत ने दायर की थी याचिका : इसी मामले में दर्ज एफआईआर दर्ज निरस्त कराने के लिए आईएएस अधिकारी कवींद्र किवायत की ओर से यह याचिका दायर की गई थी। इंदौर खंडपीठ से इसे सुनवाई के लिए 2019 में मुख्यपीठ जबलपुर स्थानांतरित किया गया था। गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा व लोकायुक्त की ओर से अधिवक्ता सत्यम अग्रवाल उपस्थित हुए।


16 आरोपी जिन पर हुई एफआईआर : लोकायुक्त पुलिस के पूर्व डीजी अरुण गुर्टू, उज्जैन में कलेक्टर रहे शिवशेखर शुक्ला, अजातशत्रु श्रीवास्तव, डॉ.एम.गीता, बीएम शर्मा, कवींद्र कियावत, पीडब्ल्यूडी उज्जैन के पूर्व कार्यपालन यंत्री एसएस सलूजा, एके टूटेजा, जीके पटेल, यश एयरवेज के संचालक भरत टोंग्या, शिव रमन, दिलीप रावल, यशराज टोंग्या, विजेंद्र जैन, दुष्यंतलाल कपूर और शिरीष दलाल।


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