Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : सऊदी अरब की पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड (PIF) रिलायंस की जियो फाइबर के एसेट्स में एक अरब डॉलर का निवेश कर सकती है. इससे पहले PIF के प्रतिस्पर्धी फंड अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) ने जियो फाइबर में निवेश की बातचीत शुरू की थी. इसके बाद PIF ने इसमें निवेश की बातचीत शुरू की है. पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड और अबू धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, दोनों ने जियो प्लेटफॉर्म्स में कुल 2.2 अरब डॉलर का निवेश किया है. जियो प्लेटफॉर्म्स में अब तक 13 निवेशक 20.8 अरब डॉलर का निवेश कर चुके हैं. सबसे ज्यादा निवेश फेसबुक का है.
PIF अपने 300 अरब डॉलर के पोर्टफोलियो में बदलते बिजनेस माहौल के हिसाब से बदलाव की कोशिश में है. PIF सिलिकॉन वैली की बड़ी कंपनियों, एविएशन सेक्टर और ऑयल कंपनियों में किए गए अपने निवेश को धीरे-धीरे घटा रहा है. रिलायंस ने कनाडा ब्रुकफील्ड में 2019 में अपनी हिस्सेदारी को 25,515 करोड़ में बेच दिया था. अब कंपनी जियो फाइबर में अपने निवेश का लाभ उठाना चाहती है. रिलायंस समूह अपना कर्ज करने की लंबी रणनीति के तहत अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी बेच कर इसे पूरा करना चाहता है.
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको पहले ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के पेट्रोकेमिकल बिजनेस में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने के लिए सौदेबाजी कर रही है. सऊदी अरामको ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी के बावजूद वह रिलायंस के रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कारोबार में 15 बिलियन डॉलर निवेश के सौदे पर काम कर रही है. अरामको के सीईओ अमीन नासर ने पिछले सप्ताह कहा कि रिलायंस के साथ उनकी बातचीत चल रह है. वह सही वक्त पर अपने शेयरधारकों को सौदे की जानकारी दे देंगे. रिलायंस इंडस्ट्रीज की 15 जुलाई 2020 को हुई 43वीं एजीएम में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि कोविड-19 की वजह से पैदा अभूतपूर्व हालात की वजह से सऊदी अरामको के साथ प्रस्तावित डील समय से नहीं हो पा रही है.