उन्होंने कहा कि चमगादड़ से यह पैंगोलिन में आ सकता है। पैंगोलिन से यह मनुष्यों में आया होगा। गंगाखेडकर ने कहा कि कि हमने निगरानी भी की, जिसमें हमें पता लगा कि चमगादड़ दो प्रकार के होते हैं, जिनमें कोरोना वायरस पाया जाता है, लेकिन वे मनुष्यों को प्रभावित करने में सक्षम नहीं होते थे। वह इंसान में नहीं आ सकता। यह दुर्लभ है।
ICMR के मुताबिक चमगादड़ के वायरस में ऐसा उत्परिवर्तन विकसित हुआ जिससे उसमें इंसान के अंदर जाने क्षमता पैदा हुई। वह ऐसा विषाणु बन गया होगा, जो इंसानों को बीमार करने वाला खतरनाकर वायरस बन गया हो।